महाकवि भवभूति के नाटकों में वृत्तिविमर्श

Authors(1) :-डाॅ. वीरेन्द्र कुमार मौय

महाकवि भवभूति संस्कृत साहित्य में उत्कृष्ट नाटककार के रूप में परिगणित किए जाते हैं। मालतीमाधव, महावीरचरित और उत्तररामचरित इन तीनों नाटकों में उन्होंने अपनी योग्यता एवं विद्वत्ता को चरम रूप से प्रकट किया है। ये तीनों ही नाटक उनके नाटकीय प्रतिभा का सर्वोत्तम निदर्शन है। प्रस्तुत शोधपत्र में महाकवि भवभूति के नाटकों में प्रयुक्त वृŸिायों पर लेख प्रस्तुत किया गया है ।

Authors and Affiliations

डाॅ. वीरेन्द्र कुमार मौय
असि प्रोफेसर- संस्कृत विभाग, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय आलापुर, अम्बेडकर नगर।, उत्तर प्रदेश, भारत

Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 1 | November-December 2018
Date of Publication : 2018-12-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 05-09
Manuscript Number : GISRRJ181102
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ. वीरेन्द्र कुमार मौय, "महाकवि भवभूति के नाटकों में वृत्तिविमर्श", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 1, Issue 1, pp.05-09, November-December.2018
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ181102

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