पौराणिक वैवस्वत मनु वंश

Authors(1) :-डॉ. आरती यादव

भागवत, मार्कण्डेय, मत्स्य, पद्म आदि पुराणों में भी वैवस्वत मनु वंश का विस्तृत विवरण प्राप्त होता है, जो इस वंश की महत्ता को सिद्ध करता है। पुराणों में चौदह मन्वन्तरों में स्वायभुव मनु वंश और वैवस्वत मनु का ही विस्तृत विवेचन किया गया है। यदि सभी पुराणों को मिलाकर मनु वंश की एक वंशावली बनायी जाय तो यह काफी उपयोगी सिद्ध हो सकती है।

Authors and Affiliations

डॉ. आरती यादव
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, संस्कृत – विभाग‚ चौ. चरण सिंह पी. जी. कॉलेज हेंवरा सैफ़ई‚ इटावा‚ उत्तर प्रदेश‚ भारत।

वैवस्वत‚ मनु‚ वंश‚ मार्कण्डेय, मत्स्य, पद्म‚ पौराणिक।

1.विष्णुपुराण – (मूल पाठ हिन्दी – अनुवाद), अनुवादक: मुनिलाल गुप्त, गीता प्रेस, गोरखपुर, १९६५.

२.अग्निपुराण, गीता प्रेस, गोरखपुर

३.ब्रह्म पुराण, गीता प्रेस गोरखपुर

४.वायु पुराणम्, आनन्दाश्रम मुद्रणालय, १९०५

५.भविष्य पुराण, वेंकटेश्वर प्रेस, बाम्बे, १९५०.

६.गरुड़ पुराण गीता प्रेस गोरखपुर

७.मत्स्य पुराण पं. श्री राम शर्मा आचार्य, संस्कृति संस्थान, बरेली.

८.भागवत पुराण, गीता प्रेस गोरखपुर 

९. विष्णुपुराण तत्त्वदर्शन ( संस्कृत – हिन्दी), किशोर विद्या निकेतन, वारणसी, १९८६.        

१०.पुराण विमर्श, बलदेव उपाध्याय, चौखम्भा विद्याभवन, वाराणसी,१९७८.

११.इतिहास पुराण का अनुशीलन, रमाशंकर भट्टाचार्य,वाराणसी, १९३३.

१२.पुराण परिशीलन, गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना, १९७०.

१३.पुराण इतिहास विमर्श, प्रो. आर. आई. नानावती, भारतीय विद्या प्रकाशन, दिल्ली, १९७८.

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021
Date of Publication : 2021-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 88-100
Manuscript Number : GISRRJ120343
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. आरती यादव, "पौराणिक वैवस्वत मनु वंश ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 1, pp.88-100, January-February.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ120343

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