पर्यावरण संरक्षण-एक नैतिक प्रयास

Authors(1) :-डाॅ0 रुचि पाण्डेय

पर्यावरण की सुरक्षा हमारा मानवीय व नैतिक धर्म है और उनके प्राकृतिक स्वरूप को संरक्षित करना हमारा कर्तव्य प्रारम्भिक समय में आस्था से जोड़कर प्राकृतिक के सुरक्षा पर बल दिया गया था। आज भौतिक चकाचैंध और पाश्चात्य सांस्कृतिक के प्रभाव ने समय और साधन तो जुटा दिये, लेकिन प्रकृति के साथ उतनी पर दूरी को भी बढ़ दिया। नदियोें में मलिनता, वृक्षों का कटाव जंगलों का नाश वन्य प्राणियों की अधिकांश जातियों का लोप, पर्वतों का लोप होना जिससे मानव विकास का नाम देता है, उसकी हठधर्मिता का ही परिणाम है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 रुचि पाण्डेय
एसो0 प्रोफेसर संस्कृत, आगरा काॅलेज आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत।

पर्यावरण, संरक्षण, नैतिक, प्रकृति, सुरक्षा, मानव, विकास।

  1. साख्यकरिका - ईश्वरकृष्ण द्वारा रचित
  2. अभिज्ञान शाकुन्तलम्-कालिदास
  3. मेघदूतम् का शैली वैज्ञानिक अध्ययन शोध ग्रन्थ-डाॅ0 रुचि पाण्डेय सन् 1984
  4. मेघदूतम् -मूल ग्रन्थ
  5. श्रीमद्भगवद्गीता

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021
Date of Publication : 2021-02-28
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 132-135
Manuscript Number : GISRRJ120350
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ0 रुचि पाण्डेय, "पर्यावरण संरक्षण-एक नैतिक प्रयास ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 1, pp.132-135, January-February.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ120350

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