नव संस्कृत लेखन में गान्धी चरित

Authors(1) :-डाॅ. अमित कुमार

महात्मा गान्धी का व्यक्तित्व स्वतन्त्रता सेनानियों को सम्पूर्ण भारत की समस्त भाषाओं एवं बोलियों में वर्णित करके सम्पूर्ण समाज को यह बताने का अथक प्रयास किया गया है कि-न्यायप्रिय, सत्यनिष्ठ, धैर्यशाली, सत्याग्रही, विवेकी, एकता के पक्ष पाती, अहिंसापालक महात्मा गान्धी, अपने विचारों एवं सिद्धान्तों से सदैव हमारे मनमस्तिष्क में स्थान बनाये रखेंगे। उनके विचारों की प्रेरणा से समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपनी जीवन में चतुर्मुखी उन्नति को प्राप्त करेगा।

Authors and Affiliations

डाॅ. अमित कुमार
प्रवक्ता, वैदिक धर्म इण्टर काॅलेज, डुमरी निवास, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।, भारत।

संस्कृत, लेखन, महात्मा गान्धी, भाषा, समाज, सत्यनिष्ठ, सत्याग्रही, धैर्यशाली, न्यायप्रिय, विवेकी।

  1. श्रीगान्धीचरितम्- श्री साधुशरण मिश्र
  2. उत्तर सत्याग्रह गीता- पं0 क्षमाराव
  3. स्वराज विजयम् - पं0 क्षमाराव
  4. गान्धी गीता- श्रीनिवास ताड़पत्रीकर
  5. श्रीमहात्मा गान्धी चरितम्- श्री भगवदाचार्य
  6. श्री गान्धी गौरवम् - श्री शिवगोविन्द त्रिपाठी
  7. श्री गान्धी शतकम्- आचार्य रतिनाथ झा

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 2 | March-April 2022
Date of Publication : 2022-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 35-39
Manuscript Number : GISRRJ122525
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ. अमित कुमार , "नव संस्कृत लेखन में गान्धी चरित", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 5, Issue 2, pp.35-39, March-April.2022
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ122525

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