Manuscript Number : GISRRJ122528
व्याकरणशास्त्रीयपरिभाषालक्षणविमर्शः
Authors(1) :-मयंकपाण्डेय महात्मा गान्धी का व्यक्तित्व स्वतन्त्रता सेनानियों को सम्पूर्ण भारत की समस्त भाषाओं एवं बोलियों में वर्णित करके सम्पूर्ण समाज को यह बताने का अथक प्रयास किया गया है कि-न्यायप्रिय, सत्यनिष्ठ, धैर्यशाली, सत्याग्रही, विवेकी, एकता के पक्ष पाती, अहिंसापालक महात्मा गान्धी, अपने विचारों एवं सिद्धान्तों से सदैव हमारे मनमस्तिष्क में स्थान बनाये रखेंगे। उनके विचारों की प्रेरणा से समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपनी जीवन में चतुर्मुखी उन्नति को प्राप्त करेगा।
मयंकपाण्डेय संस्कृत, लेखन, महात्मा गान्धी, भाषा, समाज, सत्यनिष्ठ, सत्याग्रही, धैर्यशाली, न्यायप्रिय, विवेकी। Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 2 | March-April 2022 Article Preview
शोधच्छात्रः, श्रीलालबहादुरशास्त्रीराष्ट्रियसंस्कृतविश्वविद्यालयः,नई दिल्ली।, भारत।
Date of Publication : 2022-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 51-56
Manuscript Number : GISRRJ122528
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ122528