Manuscript Number : GISRRJ181113
बिहार के क्षेत्रिय दल बनाम राष्ट्रीय दल
Authors(1) :-डॉ॰ शैलेन्द्र कुमार राष्ट्रीय राजनीतिक दलों से उपजे असंतोष के परिणाम के रुप में भातरीय राजनीति में क्षेत्रीय दल आए और आज उनका जनाधार मजबूत और व्यापाक हो गया है। वर्ष 1889 में नौवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव के बाद पहली बार यह परिपाटी टूटी, जब राजीव गाँधी के अगुवाई में कांग्रेस ने 200 के आकड़े को नहीं छू पाई। क्षेत्रीय दलों की सफलता का मूल आधार शक्तिशाली नेतृत्व रहा है। वैसे इस संदर्भ में यह कहना भी गलत नहीं होगा कि स्थानीय मुद्दे एवं उचित नेतृत्व ही राज्य स्तरीय दलों की सफलता का आधार रहा है।
डॉ॰ शैलेन्द्र कुमार क्षेत्रीय राजनीतिक दल, राष्ट्रीय दल, बहुदलीय व्यवस्था, प्रतिस्पर्धात्मक प्रवृत्ति, राजनीतिक संरचना, केंद्र – राज्य सरकारें, लोकप्रिय नेता, राजनीतिक ध्रुवीकरण एवं वंशवाद। Publication Details Published in : Volume 1 | Issue 1 | November-December 2018 Article Preview
माध्यमिक शिक्षक (सामाजिक विज्ञान), राजकीयकृत उच्च विद्यालय मई, हिलसा, नालंदा
Date of Publication : 2018-12-30
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Page(s) : 64-70
Manuscript Number : GISRRJ181113
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ181113