कालिदासनाट्यत्रयी में छन्द - अलंकार - आस्वादगुण विवेचन - प्राकृत साहित्य के सन्दर्भ में काव्यशास्त्रीय परम्परा

Authors(1) :-डॉ. सीता राम शर्मा

कवि कालिदास के सभी रूपकों में काव्यशास्त्रीय दृष्टि से रीति, गुण, ध्वनि, अलंकार, रस और रसों की अभिव्यंजना के लिए विविध छन्दों का प्रयोग किया है। नाटक में उन्होंने शांत रस को भी सुन्दर स्थान प्रदान किया है। सभी रूपकों में संस्कृत के साथ ही प्राकृत एवं उसके भेद शौरसेनी, महाराष्ट्री, मागधी, पैशाची के साथ ही अपभ्रंश का भी प्रयोग होने से काव्यगत सौन्दर्य और निखरकर आया है। ऐसा प्रयोग कवि कालिदास कृत नाट्यत्रयी के अतिरिक्त अन्य रूपकों में कम ही मिलता है।

Authors and Affiliations

डॉ. सीता राम शर्मा
प्रोफेसर (साहित्य) राजकीय धुलेश्वर आचार्य, (पी.जी. संस्कृत महाविद्यालय, मनोहरपुर, जयपुर), भारत

कालिदास, काव्यशास्त्रीय, रीति, गुण, ध्वनि, अलंकार, रस, छन्द।

  1. बालरामायण - राजशेखर
  2. काव्यमीमांसा, अध्याय 3 पृष्ठ 6
  3. अस्मिन्नतिविचित्रकविपरम्परावाहिनि संसारे कालिदास प्रभृतयो द्वित्राः पञ्चषा वा महाकवयः इति गण्यन्ते । ध्वन्यालोक 1/6 वृत्ति जगन्नाथ पाठक
  4. काव्यशोभायाः कर्त्तारो धर्माः गुणाः । ये खलु शब्दार्थयो धर्माः काव्यशोभां कुर्वन्ति ते गुणाः । काव्यालंकार 3/1/1
  5. हिन्दी काव्यालंकार सूत्रवृत्ति - डॉ. नगेन्द्र पृष्ठ 71
  6. चित्तद्रवीभावमयो ह्लादो माधुर्यमुच्यते । साहित्यदर्पण 8/2 3. अभिज्ञानशाकुन्तल 1/20
  7. दीर्घाक्षिं शरदिन्दुकान्तिवदनं बाहूनतावसयोः
  8. संक्षिप्तं निविडोन्नतस्तस्तनमुरः पार्श्वे प्रमृष्टे इव ।
  9. मध्यः पाणिमतोनितम्बि जघनं पादावरालांगुली
  10. उन्दोर्नतयितुर्यथैव मनसिश्लिष्टं तथास्यावपुः । मालविकाग्निमित्रम् 2/3

आभरणस्याभरणं प्रसाधनविधेः प्रसाधनविशेषः ।

उपमानस्यापि सखे प्रत्युपमानं वपुस्तस्था: ।। विक्रमोर्वशीयम् 2/3

  1. साहित्यशास्त्रकोश पृष्ठ 238
  2. अभिज्ञानशाकुन्तल 2/4
  3. उपमां रूपकं चौव दीपकं यमकं तथा!
  4. लङ्कारास्ते विज्ञेयाशचत्वारो नाटकाश्रयः । । -नाट्यशास्त्र 17/43 2. देवानामादिमामनन्ति मुनयः शान्तं ऋतुं चाक्षुष,
  5. रुद्रेणेदमुभाकृतव्यतिकरे स्वांगे विभक्तं द्विधा । त्रैगुण्योद्भवमत्र लोकचरितं नानारसं दृश्यते,
  6. नाट्यं भिन्नरुचेर्जनस्य बहुधाप्येकं समाराधकम् ।। मालवि, 1/4

Publication Details

Published in : Volume 1 | Issue 1 | November-December 2018
Date of Publication : 2018-12-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 200-204
Manuscript Number : GISRRJ1811315
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. सीता राम शर्मा , "कालिदासनाट्यत्रयी में छन्द - अलंकार - आस्वादगुण विवेचन - प्राकृत साहित्य के सन्दर्भ में काव्यशास्त्रीय परम्परा", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 1, Issue 1, pp.200-204, November-December.2018
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ1811315

Article Preview