Manuscript Number : GISRRJ192121
पं. दीनदयाल उपाध्याय : धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवाद के चिन्तन में समर्थक
Authors(1) :-डॉ. कल्याण सिंह मीना पं. दीनदयाल उपाध्याय भारत में लोकतंत्र के उन पुरोधाओं में से एक हैं लिन्हों ने भारत में एकात्म राष्ट्रवादी राजनीति को जन्म दिया। प्रस्तुत शोधपत्रा के कुछ विशेष प्रसंगों में पं. दीनदयाल उपाध्याय के राष्ट्रवादी राजनीतिक विचारों पर आधारित है, जिसके अन्तर्गत पं. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा भारतीय राजनीति में दोषों का अन्वेषण कर सुधारात्मक आदर्श दृष्अिर्कोण प्रस्तुत किया है। पं. दीनदयाल उपाध्याय धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रवाद के समर्थक थे। वे इस पक्ष में थे कि निम्न मध्यम वर्गो तथा सामान्य जनता के बीच मैत्री सम्बन्ध कायम किये जायें। उनका कहना था कि साधारण जनसमुदाय अनुल्लंघनीय अधिकारों तथा लोक प्रभुत्व के सामान्य सिद्धान्तों से आकृष्ट नहीं हो सकता। उसमें वर्ग चेतना तभी उत्पन्न हो सकती है जबकि उससे आर्थिक हितों की भाषा में बात की जाय। उनकी भावना थी कि समाजवादियों को राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम में सम्मिलित होना चाहिए। उनका कहना था कि यदि समाजवादियों ने अपने को देश में चल रहे राष्ट्रीय स्वातन्त्रय संघर्ष से पृथक रखा तो उनका यह कार्य आत्महत्या करने के समान होगा।
डॉ. कल्याण सिंह मीना Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019 Article Preview
लेवल – 2 अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महाराजपुरा, तहसील – बस्सी, जिला – जयपुर , राजस्थान
Date of Publication : 2019-01-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 124-126
Manuscript Number : GISRRJ192121
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ192121