गणपति सम्भवम् महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन

Authors(1) :-बिन्दू साहू

कवि प्रभुदत्त शास्त्री द्वारा रचित ‘गणपति सम्भवम्’ महाकाव्य भक्तिपरक है । यह ग्रंथ गणपति देव के शासन तंत्र की शिक्षा देता है, यही कारण है कि इसका प्रकाशन कवि ने गणतंत्र दिवस पर किया । गणपति सम्भवम् पुराण आदि ग्रंथों में आंशिक रूप से समुपलब्ध गणेश की कथा का कवि ने स्व कल्पना द्वारा परिवर्धन व परिवर्तन कर एक नवीन रूप में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है । यह महाकाव्य दस सर्गों में निबद्ध है । किन्तु दशम् सर्ग में कवि वंश का परिचय है । इसमें देव गणेश जी की शैशवावस्था से गणपतित्व पद की प्राप्ति तक की कथा सन्निहित है । पद-पद में वर्तमान राष्ट्रीय चेतना समुद्भावित है । वस्तु, नेता, रस का युगानुरूप वर्णन कवि की काव्यशास्त्रीय प्रतिभा को व्यक्त करती है । इस महाकाव्य का वस्तु विन्यास काव्यशास्त्र रीति से महाकव्योचित है । काव्यात्मभूत ध्वनि-रस-रीति-गुण-अलंकार-बिम्ब विधान आदि की उत्तम योजना महाकाव्य के नामकरण से अंतिम पद्य तक दिखायी देती है।

Authors and Affiliations

बिन्दू साहू
शोधच्छात्रा‚ (जे.आर.एफ) संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय, कोटवां जमुनीपुर दुबावल प्रयागराज, भारत

प्रभुदत्त शास्त्री‚ गणपति सम्भवम्‚ महाकाव्य‚ ध्वनि‚ रस‚ रीति‚ गुण‚ अलंकार‚ बिम्ब विधान।

  1. संस्कृत का अर्वाचीन समीक्षात्मक काव्यशास्त्र- प्रो. अभिराज राजेन्द्र मिश्रा, विश्वविद्यालय प्रकाशन वाराणसी 2010
  2. संस्कृत – साहित्य का इतिहास – डॉ. कपिलदेव द्विवेदी रामनारायण विजयव लाल 2009
  3. M. डिक्शन इंग्लिश एपिक पोइट्री एण्ड हिरोइक पोइट्री पृष्ठ – 27
  4. डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी संस्कृत महाकाव्यों की परम्परा आलोचना अक्टूबर – 1951
  5. डॉ. शम्भूनाथ सिंह हिन्दी महाकाव्य का स्वरूप विधान
  6. साहित्य दर्पण- आचार्य विश्वनाथ कृत परिच्छेद 6
  7. गणपति सम्भवम् – आचार्य प्रभुदत्त शास्त्री, अर्चना प्रकाशन- रामदास पेठ नागपुर

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 1 | January-February 2019
Date of Publication : 2019-01-01
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 34-39
Manuscript Number : GISRRJ19216
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

बिन्दू साहू, "गणपति सम्भवम् महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 1, pp.34-39, January-February.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ19216

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