Manuscript Number : GISRRJ192251
उच्च माध्यमिक स्तर के शहरी विद्यार्थियो एवं ग्रामीण विद्यार्थियो के समायोजन का तुलनात्मक अध्ययन
Authors(1) :-निधि कुमारी षिक्षामानव के विकास मंे एक साधन के रूप मंे कार्य करती है षिक्षा ग्रहण कर मनुप्य सभ्य नागरिक बनकर समाज एवं राप्ट्र के निर्माण मंे सहायक है । जिस प्रकार माता.पिता बच्चे का पालन पोपण करते है जिस प्रकार सूर्य के प्रकाष मंे पौधे खिल उठते है एवं प्रकाष न मिलने पर सूख जाते है उसी प्रकार व्यक्ति षिक्षा द्वारा फूल के समान खिल जाता है और षिक्षा न मिलने पर वह अपने को इस समाज मंे अन्य लोगो की अपेक्षा हेय दृप्टि से देखता है । षिक्षा माता के समान पालन एवं पिता के समान उचित मार्गदर्षन प्रदान करती है ।
किषोरावस्था मंे बालक माध्यमिक स्तर की षिक्षा प्राप्त करता है । कक्षा 11 और 12 को उच्च माध्यमिक स्तर की षिक्षा के रूप मंे जाना जाता है । माध्यमिक षिक्षा का बालक के व्यक्तिगत, षैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक पर प्रभाव पडता है ।
बालक जब किसी विद्यालय मंे प्रवेष करता है तब से ही वह समायोजन करना प्रारम्भ कर देता है । समायोजित बालक सदैव प्रगति की ओर अग्रसर होता है । संघर्प पर विजय प्राप्त करने की प्रवृति समायोजन की स्थ्तिि को दर्षाती है । बालक को षारीरिक, भौतिक, सामाजिक व मनोवैज्ञानिक आवष्यकताओ की पूति हेतु समायोजन की आवष्यकता होती है । बालक को अपने षैक्षिक विकास हेतु विद्यालय, पाठ्यक्रम एव सहपाठियो से समायोजन, सामाजिक जीवन हेत समुुदाय एवं पडोसियो से मधुर सम्बन्ध हेतु एवं संवेगात्मक रूप से सन्तुलित रहने हेतु समायोजन की आवष्यकता पडती है ।
निधि कुमारी Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 4 | July-August 2019 Article Preview
शोध छात्रा, षिक्षाषास्त्र, नेहरू ग्राम भारती विश्वद्यालय, प्रयागराज, उ0 प्र0
Date of Publication : 2019-07-25
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 59-61
Manuscript Number : GISRRJ192251
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ192251