प्रयोगवादी चित्रकार प्रो0 रामचन्द्र शुक्ल

Authors(1) :-डाॅ.संतोष बिंद

‘राम चन्द्र शुक्ल की कला की प्रमुख विशेषता यह है कि उनके किन्हीं दो चित्रों में विचारधारा शैली, विषयवस्तु या रंग का मिश्रण का साम्य नहीं दिखाई पड़ता प्रत्येक चित्र अपने में एक नयी प्रेरणा, एक नया सन्देश, नया जीवन लेकर सामने आता है, यदि यह कहा जाए कि उनके केवल एक चित्र के पूर्ण अध्ययन एवं मनन से सहज ही किसी कला के विद्यार्थी को इतनी अधिक प्रेरणा एवं प्रोत्साहन मिल सकता है।

Authors and Affiliations

डाॅ.संतोष बिंद
प्रवक्ता, राजकीय बालिका इंटर काॅलेज, हुसैनगंज, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।

प्रयोगवादी, चित्रकार, रामचन्द्र शुक्ल, हिन्दी, शैली, विचारधारा।

  1. मैं और मेरी कला’, रामचन्द्र शुक्ल, भारती, जुलाई 1961, पृ0सं0 61
  2. नवजीवन (साप्ताहिक विशेषांक) लखनऊ, रविवार 31 अक्टूबर, 1971
  3. हिन्दी प्रचारक, मई 1954, बनारस
  4. आज (साप्ताहिक विशेषांक) रविवार 18 जनवरी, 1959
  5. भारतीय चित्रकला, परम्परा और आधुनिकता का अंर्तद्वन्द्व, डाॅ0 एस0वी0एस0 सक्सेना, डाॅ0 आनन्द लखटकिया, पृ0सं0 25
  6. नवजीवन, 24 अक्टूबर 1971 (लखनऊ)
  7. दैनिक जागरण, बृहस्पतिवार, 03.10.2002
  8. अवन्तिका, मई मास 1953
  9. आधुनिक कला-समीक्षावाद, प्रो0 रामचन्द्र शुक्ल, पृ0सं0 148
  10. नवजीवन, 31 अक्टूबर, 1971 (लखनऊ)
  11. ‘रचना’ के सृजनशील कलाकारों की प्रदर्शनी के कैटलाॅग से 1 फरवरी 1973
  12. अमृत पत्रिका, 24 फरवरी 1952

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 3 | May-June 2019
Date of Publication : 2019-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 95-99
Manuscript Number : GISRRJ192316
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ.संतोष बिंद, "प्रयोगवादी चित्रकार प्रो0 रामचन्द्र शुक्ल ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 3, pp.95-99, May-June.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ192316

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