Manuscript Number : GISRRJ192418
भारतीय राष्ट्रीय राजनीति और गाँधी के स्वराज्य की सामाजिक अवधारणा 1922-1934: एक अध्ययन
Authors(1) :-डाॅ0 रेखा कुमारी महात्मा गाँधी ने अपने भारतीय परिवेश से आर्य जीवन के शाश्वत सामाजिक मूल्यों को आत्मसात किया और उसे अपने व्यावहारिक जीवन में उतारने की कोशिश की। उन्होंने उन शाश्वत सामाजिक मूल्यों का समर्थन कतिपय पश्चिमी दार्शनिकों एवं साहित्यकारों के माध्यम से भी पाया। अन्य धर्मों की पवित्र पुस्तकों ने भी उन्हें भारतीय आर्य जीवन के शाश्वत सामाजिक एवं धार्मिक मूल्यों के प्रति लगाव एवं मजबूती प्रदान की। कुल मिलाकर अन्दर एवं बाहर के प्रभावों से महात्मा गाँधी के व्यक्तित्व का निर्माण हुआ और तदनुरूप उन्होंने एक सामाजिक धार्मिक दर्शन की अवधारणा विकसित की। बल्कि कहना चयह चाहिए कि उन्होंने उक्त दर्शन की व्यावहारिक प्रस्तुति के द्वारा ही अपना जीवन जीना शुरू किया और धीरे-धीरे उनके व्यावहारिक जीवन से ही दर्शन अनुस्यूत होना शुरू हुआ। उनके व्यावहारिक जीवन को देख एवं परखकर ही बाद के विद्वानों व विचारकों ने उनके जीवन को देख एवं परखकर ही बाद के विद्वानों व विचारकों ने उनके जीवन के दार्शनिक पक्षों की अवधारणा विकसित की एवं उसकी व्याख्या प्रस्तुत की। उक्त आधार को हम उनके राजनीतिक जीवन से जुड़ी अवधारणाओं को रेखांकित कर उनका आकलन करते हैं। उन्हीं अवधारणाओं में एक अवधारणा है उनका स्वराज्य एवं तद्सम्बन्धी उनकी सामाजिक अवधारणा।
डाॅ0 रेखा कुमारी Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 4 | July-August 2019 Article Preview
एम.ए., पीएच.डी. (इतिहास), बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (बिहार)
Date of Publication : 2019-07-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 54-58
Manuscript Number : GISRRJ192418
Publisher : Technoscience Academy
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