Manuscript Number : GISRRJ19249
सन् साठ के बाद के हिन्दी उपन्यासों का सर्वेक्षण एवं वर्गीकरण
Authors(1) :-डाॅ0 विजय कुमार शुक्ला प्रेमचन्द्र के बाद हिन्दी उपन्यास अनेक धाराओं में विकसित हुआ। ये धाराएँ सबल भी थी और वैविध्यपूर्ण भी। उपन्यास का क्षेत्र अधिक व्यापक हुआ और उसके कथ्य को अधिक जीवन्तता मिली। यह वह दौर है जब हिन्दी उपन्यास के क्षेत्र में नये हस्ताक्षर उभरने लगे थे और पुराने उपन्यासकारों ने पाठकों को आकर्षित किया। शैलेश मटियानी का पहला उपन्यास ‘बोरीबली से बोरी बन्दर तक’ 1959 में प्रकाशित हुआ। श्रीलाल शुक्ल का पहला उपन्यास ‘सूनी घाटी का सूरज’ 1957 में छपा। कृष्ण बददेव वैद भी 1957 में ही ‘उसका बचपन’ के साथ उपन्यास के क्षेत्र में उपस्थित हुए। कमलेश्वर का पहला उपन्यास ‘उसका बचपन’ के साथ उपन्यास के क्षेत्र में उपस्थित हुए। कमलेश्वर का पहला उपन्यास ‘एक सड़क सत्तावन गलियाँ’ 1957 में ही प्रकाशित हुआ। मोहन राकेश, राजेन्द्र अवस्थी, रामदरश मिश्र, निर्मल वर्मा, उषा प्रियम्वदा, राही मासूम रजा, भीष्म सहनी, शिवप्रसाद सिंह, काशीनाथ सिंह वस्तुतः 1960 के बाद ही हिन्दी पाठकों में परिचित हुए। राजेन्द्र यादव, मन्नू भंडारी, कृष्णा सोवती, राजकमल चैधरी, हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे कथाकार सन् साठ के बाद ही स्थापित हुए। हिन्दी उपन्यासों में विमर्श के नये क्षितिज को लेकर भैरव प्रसाद गुप्त, अमृतराय, नागार्जुन, अमृतलाल नागर, उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ जैसे उपन्यासकार इस कालखंड में अपने विशिष्ट प्रयोग और जनपक्षधरता के कारण महत्वपूर्ण हुए। भीमसेन त्यागी, महीप सिंह, धमेन्द्र गुप्त, वीरेन्द्र कुमार जैन, सुरेन्द्र वर्मा, द्रोणवीर कोहली, रमेशचन्द्र साह, रवीन्द्र वर्मा, मंजुल भगत, योगेश गुप्त, मंजूर एहतेशाम, कामतानाथ, मृदुला गर्ग, नरेन्द्र कोहली, ममता कालिया, शिवानी, अमरकान्त, हृदयेश अभिमन्यु अनतः मेहरूनिशा परवेज, गोविन्द मिश्र, शशिप्रभा शास्त्री, विश्वम्भर नाथ उपाध्याय, विवेकीराय, गिरिराज किशोर। अस्सी के पहले के चर्चित उपन्यासकार हैं।
डाॅ0 विजय कुमार शुक्ला Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 4 | July-August 2019 Article Preview
एम.ए.,पीएच.डी. (हिन्दी)
बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (बिहार), भारत
Date of Publication : 2019-07-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 31-34
Manuscript Number : GISRRJ19249
Publisher : Technoscience Academy
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