Manuscript Number : GISRRJ19257
ऋग्वेद में विवेचित आभूषण
Authors(1) :-डॉ. दिवाकर मणि त्रिपाठी ऋग्वेदकाल से लेकर सूत्रकाल तक भारतीय स्त्री पुरुष दोनों आभूषण धारण करते थे। ये आभूषण प्रायः स्वर्ण तथा मूल्यवान् रत्नों के बनते थे। ऋग्वेद में ʻʻहिरण्यैःʼʼ शब्द का व्यवहार साधारण रुप से स्वर्ण के अलड्कारों के हेतु हुआ है। ऋग्वेद में अनेक आभूषणों का विवेचन है।
डॉ. दिवाकर मणि त्रिपाठी ऋग्वेदकाल, आभूषण, स्वर्ण, सांस्कृतिक, स्त्री, पुरुष, सूत्रकाल। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफेसर (संस्कृत), वी. यस. ऐ वी पी.जी कालेज,गोला, गोरखपुर, भारत
Date of Publication : 2019-09-30
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Page(s) : 31-34
Manuscript Number : GISRRJ19257
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ19257