Manuscript Number : GISRRJ192613
स्वातन्त्र्योत्तर काल में रामकथामूलक प्रमुख रचनाएँ एवं रचनाकार जानकीचरितामृतम् महाकाव्य-रामसनेहीदास
Authors(1) :-संगीता जायसवाल रामसनेहीदास ने जानकीचरितामृतम् माहाकाव्य के अतिरिक्त श्रीकिशोर मंगलम्, श्रीकिशोरी जी की अद्भुतलीला, महर्षिकार्तिकेयजीवनदर्शन, श्रीकिशोरी सुमंगलम् एवं श्रीसीतारामकृपाकटाक्षस्रोत जैसे भक्तिपरक ग्रन्थों की रचना की है। राम के इस व्यवहार के बाद सीता द्वारा जो भाषण कराया गया है, राम की आलोचना की गयी है। सप्तदश सर्ग का नाम ‘जनापवादः तथा अष्टादश सर्ग का नाम ‘अपवादनिर्णयः’ है। उन्नीसवें सर्ग में लव-कुश के जन्म का वर्णन होने से ‘लवकुशोदयः’ कहा गया। विंश सर्ग में अश्वमेघ यज्ञ का वर्णन किया गया है।
संगीता जायसवाल रामसनेहीदास, जानकीचरितामृतम्, माहाकाव्य, साहित्य, संस्कृत, राम, यज्ञ। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019 Article Preview
शोध छात्रा, संस्कृत विभाग, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2019-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 64-71
Manuscript Number : GISRRJ192613
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ192613