स्वातन्त्र्योत्तर काल में रामकथामूलक प्रमुख रचनाएँ एवं रचनाकार जानकीचरितामृतम् महाकाव्य-रामसनेहीदास

Authors(1) :-संगीता जायसवाल

रामसनेहीदास ने जानकीचरितामृतम् माहाकाव्य के अतिरिक्त श्रीकिशोर मंगलम्, श्रीकिशोरी जी की अद्भुतलीला, महर्षिकार्तिकेयजीवनदर्शन, श्रीकिशोरी सुमंगलम् एवं श्रीसीतारामकृपाकटाक्षस्रोत जैसे भक्तिपरक ग्रन्थों की रचना की है। राम के इस व्यवहार के बाद सीता द्वारा जो भाषण कराया गया है, राम की आलोचना की गयी है। सप्तदश सर्ग का नाम ‘जनापवादः तथा अष्टादश सर्ग का नाम ‘अपवादनिर्णयः’ है। उन्नीसवें सर्ग में लव-कुश के जन्म का वर्णन होने से ‘लवकुशोदयः’ कहा गया। विंश सर्ग में अश्वमेघ यज्ञ का वर्णन किया गया है।

Authors and Affiliations

संगीता जायसवाल
शोध छात्रा, संस्कृत विभाग, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।

रामसनेहीदास, जानकीचरितामृतम्, माहाकाव्य, साहित्य, संस्कृत, राम, यज्ञ।

  1. विंशशताब्दी संस्कृत ग्रन्थ सूची पत्रम्, अभिराजराजेन्द्र मिश्र, पृ॰ 26
  2. आधुनिक संस्कृत साहित्य का इतिहास- बलदेव उपाध्याय, पृ॰ 44
  3. थाइदेश्यास्ततः पूर्व नैवाजानन् मनागपि
  4. सौमित्रिसुन्दरीचरितम्
  5. स्वातंत्रयोत्तर युग में संस्कृत रामकाव्य, डाॅ॰ प्रतिमा शास्त्री, पृ॰ 120
  6. स्वातंत्रयोत्तर युग में संस्कृत रामकाव्य, डाॅ॰ प्रतिमा शास्त्री, पृ॰ 205
  7. रामचरित, संपादकीय।
  8. रामचरितम्, प्रथम सर्ग, मंगलाचरण।
  9. प्रो॰ राधावल्लभ त्रिपाठीः संस्कृत साहित्यः बीसवीं शताब्दी, पृª148
  10. आधुनिक संस्कृत साहित्य का इतिहास, श्री बलदेव उपाध्याय

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019
Date of Publication : 2019-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 64-71
Manuscript Number : GISRRJ192613
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

संगीता जायसवाल, "स्वातन्त्र्योत्तर काल में रामकथामूलक प्रमुख रचनाएँ एवं रचनाकार जानकीचरितामृतम् महाकाव्य-रामसनेहीदास", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 5, pp.64-71, September-October.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ192613

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