स्वामी हरिदास का भारतीय संगीत को अवदान

Authors(1) :-डाॅ0 रोमा अरोरा

शोध-सारांश- आध्यात्मिक संगीत साधना के क्षेत्र में भारतवर्ष के सन्तों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। भगवद्भक्ति एवं संगीत का सम्बन्ध अनवरत रूप से वैदिककाल से चला आ रहा है। वैष्णव सम्प्रदाय के आचार्यों एवं संतों में स्वामी हरिदास में इष्ट साधना हेतु संगीत को माध्यम बनाया। स्वामी हरिदास एक महान् कवि, संगीतकार एवं वाग्गेयकार के रूप में प्रसिद्ध थे। भक्ति, माधुर्य एवं संगीत का अनूठा समन्वय उनको कवियों में प्राप्त है। ब्रजभाषी स्वमी जी द्वारा वर्णित राग-रागिनियों में निबद्ध अनेक पद स्वामी हरिदास के ग्रन्थों में प्राप्त होते हैं। स्वामी हरिदास का संागीतिक अवदान (योगदान) भारतीय संगीत की अमूल्य निधि के रूप में प्राप्त होता है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 रोमा अरोरा
एसोसिएट प्रोफेसर-संगीत गायन, राजा मोहन गल्र्स पी0जी0 कालेज, अयोध्या,उत्तर प्रदेश।

उदात्त, परम्परानुमोदित, चतुर्विधि तथा लास्य, अवदान।

  1. असित कुमार बनर्जी, हिन्दुस्तानी संगीत-परिवर्तन शीलता, पृ0 46
  2. लक्ष्मी नारायण गर्ग, निबंध संगीत, पृ0 539
  3. आ0 वृहस्पति, संगीत चिंतामणि प्रथम खण्ड, पृ0 312
  4. ललित बिहारी गोस्वामी, बृज भारती-स्वामी हरिदास जी का जीवन वृत्त, पृ0 49
  5. सुमनलता वोहरा, संगीत, मई-1991 हरिदास के सांगीतिक पक्ष पर शोधात्मक दृष्टि,
  6. पृ0 03
  7. डाॅ0 वासुदेव कृष्ण चतुर्वेदी, हरिदास रस सार: केलिमाल पद सं0 6 (प्राप्त ब्रज
  8. भारती, पृ0 61, हरिदास अगंक-1)
  9. केलिमाल, पद सं0 77 (संगीत मई 1991, सुमनलता वोहरा, पृ0 4)

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 5 | September-October 2019
Date of Publication : 2019-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 94-97
Manuscript Number : GISRRJ192617
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ0 रोमा अरोरा, "स्वामी हरिदास का भारतीय संगीत को अवदान ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 5, pp. 94-97, September-October.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ192617

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