Manuscript Number : GISRRJ2032111
पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक विचारों की वर्तमान सरकार मानव कल्याण में भूमिका का चिन्तन
Authors(1) :-डॉ. कल्याण सिंह मीना पण्डित दीन दयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के नेता, विलक्षण बुद्धि, सरल व्यक्तित्व एवं नेतृत्व के अनगिनत गुणों के स्वामी थे। उनका मानना था कि समाजवादी और पूँजीवादी दोनों विचारधाराए व्यक्ति के एकांकी विकास की बात करती हैं जबकि व्यक्ति की समग्र जरूरतों का विकास किए बिना कोई भी विचार भारत के विकास के अनुकूल नहीं हो सकता। उन्होंने व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए एकात्म अर्थनीति का प्रतिपादन किया। एकात्म अर्थनीति से तात्पर्य ऐसी अर्थनीति से है जो आर्थिक दृष्टिकोण तक सीमित न होकर जीवन को समृद्ध एवं सुखी बनाने के लिए समग्र पहलुओं को दिशा निर्देशित करती है। उनका मानना था कि किसी भी देश का आर्थिक विकास तभी संभव है जब हम समाज के सबसे निचले पायदान पर जो व्यक्ति है उसका विकास कर पाएं। उसके उत्थान का प्रयास प्राथमिकता पर होना चाहिए। वर्तमान में केन्द्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जिसकी नींव की पहली ईंट रखने में उपाध्याय जी का योगदान था। अतः सरकार द्वारा स्टार्टअप, स्टैंडअप, दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, मेक इन इण्डिया कार्यक्रम के माध्यम से आम व्यक्ति को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है। वर्तमान में केन्द्र सरकार कृषि सुधार को आधुनिक तकनीक के माध्यम से करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। ये सभी कार्य पण्डित दीन दयाल उपाध्याय के विचारों से ओत-प्रोत नजर आते हैं। दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के लक्ष्य और एकात्म मानवाद के वैचारिकी सिद्धान्त को आत्मसात करके ही मानव कल्याण के लक्ष्यों को भारतीयता के मूल स्वरूप में प्राप्त किया जा सकता है।
डॉ. कल्याण सिंह मीना Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020 Article Preview
लेवल – 2 अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय महाराजपुरा, तहसील – बस्सी, जिला – जयपुर , राजस्थान
Date of Publication : 2020-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 133-135
Manuscript Number : GISRRJ2032111
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2032111