अविमृष्टविधेयांश दोष विमर्श: एक अनुशीलन

Authors(1) :-रागिनी शुक्ला

परम्परा के गहनतम् अनुशीनल से यह स्पष्ट ज्ञात होता है कि मानव की सर्जना में दोषों का रह जाना स्वाभाविक है कारण यह कि मनुष्य प्रायः अज्ञ है और उसकी मति अज्ञता रूपी भंवर से उतकर पूर्णप्रज्ञता के तट को प्राप्त करने में प्रायः कष्ट की अनुभूति करती है। ‘‘दोष’’ शब्द से अभिप्राय यहां पर काम क्रोधादिक षड् मानसिक दोषों से रहित काव्य दोषों पर विचार किया जा रहा है। दोष चाहे मानसिक हो अथवा काव्यगत् उनका परिहार्य अवश्य किया जाना चाहिये। मनुष्य के कार्य व्यापार की भांति काव्य भी कवि का कार्य या व्यापार है । अतः उसका निर्दुष्ट होना परमावश्यक है । प्रायः सभी काव्यशास्त्रियों ने गुणों से पूर्व दोषों का विवेचन किया है । भरतमुनि ने नाट्यशास्त्र में दोष का कोई लक्षण न देकर गुणों को दोषों का विपर्यय माना है - गुणाविपर्ययादेषा माधुर्योदार्य लक्षणा

Authors and Affiliations

रागिनी शुक्ला
शोधच्छात्रा, संस्कृत विभाग, दिल्लीविश्वविद्यालय,दिल्ली‚भारत।

अविमृष्टविधेयांश‚ दोष‚ नाट्यशास्त्र‚ आचार्य मम्मट‚ भामह।

  1. काव्यप्रकाशआचार्यविश्वेश्वर, वाराणसीज्ञानमण्डल,लिमिटेड।
  2. साहित्यदर्पण, शेषराजशर्मारेग्मीचौखम्बा,संस्कृतसीरीज,वाराणसी।
  3. व्याकरणमहाभाष्य, (पस्पशाह्निकं) पण्डितयुधिष्ठिरमीमांसक,चौखम्बाविद्याभवन,वाराणसी।
  4. काव्यमीमांसा, श्रीकृष्णमणित्रिपाठी,चौखम्बासुरभारतीप्रकाशन,वाराणसी।
  5. महिमभट्टबृजमोहनचतुर्वेदी, नेशनलपब्लिशिंगहाउस,दरियागंज,दिल्ली।
  6. नाट्यशास्त्रबृजमोहनचतुर्वेदी, विद्यानिधिप्रकाशन, दिल्ली।
  7. व्यक्तिविवेक, ब्रह्मानन्दत्रिपाठीचौखम्बासुरभारती,प्रकाशन, वाराणसी।
  8. कौटिलीयअर्थशास्त्रम्,वाचस्पतिगैरोला,चौखम्बा,विद्याभवन,वाराणसी।
  9. वक्रोक्तिजीवितीम्,परमेश्वरदीन पाण्डेय, चौखम्बाविद्याभवन,वाराणसी।
  10. ध्वन्यालोक,रामसागरत्रिपाठी,मोतीलालबनारसीदास, दिल्ली।
  11. काव्यालंकार,देवेन्द्रनाथशर्मा,बिहारराजभाषापरिषद।
  12. ऋग्वेद संहिता, पण्डित रामगोविन्द त्रिवेदी, चौखम्बाविद्याभवन, वाराणसी।
  13. काव्यालङकार, रमण कुमार शर्मा, विद्यानिधिप्रकाशन, दिल्ली।
  14. काव्यालंकारसूत्राणि, हरगोविन्द शास्त्री, चौखम्बासुरभारतीप्रकाशन,वाराणसी।
  15. चरक संहिता, विद्याधर शुक्ल, चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान, दिल्ली।

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020
Date of Publication : 2020-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 08-20
Manuscript Number : GISRRJ20325
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

रागिनी शुक्ला, "अविमृष्टविधेयांश दोष विमर्श: एक अनुशीलन", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 2, pp.08-20, March-April.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ20325

Article Preview