दूसरा ताजमहल: आधुनिक नारी की मनोसंवेदना का दूसरा पड़ाव

Authors(1) :-ममता यादव

नासिरा शर्मा की कथा पात्र ‘नयना’ ने प्रेम का नाम जिंदा रखा और उसकी वेदी पर अपने जीवन को होम कर दिया। इस कहानी का अनुशीलन करने पर, प्रेम की थकान, निष्फलता और घायल मन की व्यथा की अनुभूतियाँ निःसंकोच हमें ‘महादेवी वर्मा’ की पक्तियों में मिलता है।

Authors and Affiliations

ममता यादव
(नेट/जे0आर0एफ0), शोध छात्रा, हिन्दी विभाग, पी0जी0 कालेज, गाजीपुर, (सम्बद्ध: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, उ0प्र0)

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Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020
Date of Publication : 2020-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 45-50
Manuscript Number : GISRRJ203311
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

ममता यादव, "दूसरा ताजमहल: आधुनिक नारी की मनोसंवेदना का दूसरा पड़ाव", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 1, pp.45-50, January-February.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203311

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