श्रीरामकृष्ण देव और स्वामी विवेकानन्द की परमसत्ता विषयक अवधारणा

Authors(1) :-राहुल कुमार पाण्डेय

श्रीरामकृष्ण देव की परमसत्ता अर्थात् ब्रह्मविषयक अवधारणा दो भागों में प्राप्त होती है। उनकी प्रथम ब्रह्मविषयक अवधारणा उनके द्वारा की गई वेदान्तसाधना के पूर्व की है। यहाँ रामकृष्ण परमहंस के लिए ब्रह्म माँ काली ही हैं। वह जगत् की आदिशक्ति हैं। इसी की शक्ति से जगत् की सृष्टि, स्थिति और लय होती है। यहाँ पर रामकृष्ण के लिए ब्रह्म सगुण ब्रह्म प्रतीत होता है।

Authors and Affiliations

राहुल कुमार पाण्डेय
पूर्व शोधच्छात्र, संस्कृत विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत

  1. श्रीरामकृष्ण उपदेश, मलापुर मठ, मद्रास, 1960, पृ0 261
  2. रामकृष्णवचनामृत (द्वितीय भाग), पृ0 454
  3. रामकृष्णवचनामृत (प्रथम भाग), पृ0 533
  4. श्रीरामकृष्ण उपदेश, ब्रह्मानन्द, पृ0 39
  5. श्रीरामकृष्ण उपदेश, ब्रह्मानन्द, पृ0 39
  6. श्रीरामकृष्ण उपदेश, मलापुर मठ, मद्रास, सन् 1960, पृ0 261
  7. रामकृष्णवचनामृत (प्रथम भाग), पृ0 68
  8. रामकृष्ण उपदेश, अं0 अनुवाद, पृ0 267
  9. रामकृष्ण उपदेश, अं0 अनुवाद, पृ0 267
  10. विवेकानन्द साहित्य (अष्टम खण्ड), पृ0 118-19

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020
Date of Publication : 2020-02-25
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 90-93
Manuscript Number : GISRRJ203322
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

राहुल कुमार पाण्डेय, "श्रीरामकृष्ण देव और स्वामी विवेकानन्द की परमसत्ता विषयक अवधारणा", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 1, pp.90-93, January-February.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203322

Article Preview