Manuscript Number : GISRRJ203326
पं. दीनदयाल उपाध्याय का राजनीति में संस्कृति राष्ट्रीय चिन्तन
Authors(1) :-डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः राजनीति में संस्कृति के राजदूत की चिन्तन यात्रा
महात्मा गांधी जी ने कहा था अब कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए तथा विचारधारा के आधार पर पृथक-पृथक दल बनने चाहिए। विचारधारा के कारण ही समाजवादियों ने कांग्रेस छोड़ दी थी। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी स्वतंत्र भारत के मंत्रीमंडल में प्रथम उद्योग मंत्री थे। 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ। मुखर्जी इसके खिलाफ थे, उन्होंने कांग्रेस सरकार से त्याग पत्र दे दिया। 21 अक्टूबर 1951 में डॉ. मुखर्जी की अध्यक्षता में भारतीय जनसंघ' की स्थापना हुई। इसके पूर्व डॉ. मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मा. स. गोलवलकर से मिले थे। राष्ट्रीयता की अवधारणा के संबंध में दोनों सहमत हुए। श्री गोलवलकर अपने एक आलेख में लिखते हैं जब ऐसा मतैक्य हुआ तब मैंने अपने निष्ठावान एवं तपे हुए सहयोगियों को चुना जो निःस्वार्थी और दृढ़निश्चयी थे, जो नए दल की स्थापना का भार अपने कंधों पर ले सकते थे। इस प्रकार डॉ. मुखर्जी अपनी आकांक्षा भारतीय जनसंघ की स्थापना के रूप में साकार कर सके।"
डॉ. जगदीश प्रसाद जाटः Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर, स्वः लक्ष्मी कुमारी बधाला गर्ल्स पी.जी. कॉलेज गोविन्दगढ़ चौमूँ (जयपुरम्)
Date of Publication : 2020-02-25
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 107-110
Manuscript Number : GISRRJ203326
Publisher : Technoscience Academy
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