Manuscript Number : GISRRJ203335
डॉ. अम्बेडकर आधारित संस्कृत ग्रंथ 'भीमाम्बेडकरशतकम्' का समीक्षात्मक अध्ययन
Authors(1) :-डॉ. दिलीप कुमार ‘डॉ. अम्बेडकर आधारित संस्कृत ग्रंथ 'भीमाम्बेडकरशतकम्' का समीक्षात्मक अध्ययन' है। शोध शीर्षक की संक्षिप्त व्याख्या निम्न है। ‘सहितयो: शब्दार्थयो: भाव: साहित्यम्।’ अर्थात् सहित शब्द तथा अर्थ का भाव। वाचस्पत्यम् शब्दकोश में भाव अर्थ में ‘ष्यञ्’ प्रत्यय करके ‘सहितस्य भाव: साहित्यं’ निर्वचन दिया गया है। साहित्य शब्द का प्रयोग 7-8 वीं शताब्दी से मिलता है। इससे पूर्व साहित्य शब्द के लिए काव्य शब्द का प्रयोग होता था। संस्कृत में जब एक ही अर्थ में साहित्य और काव्य शब्द का प्रयोग होने लगा, तो धीरे-2 काव्य शब्द का अर्थ संकुचित होने लगा। आज काव्य का अर्थ केवल कविता है और साहित्य शब्द को व्यापक अर्थ में लिया जाता है। साहित्य का तात्पर्य अब कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, आत्मकथा अर्थात् गद्य और पद्य की सभी विधाओं से है। आचार्य विश्वनाथ ने ‘वाक्यं रसात्मकं काव्यम्’ कहकर रसयुक्त वाक्य को काव्य कहा है। आचार्य वामन ने ‘रीतिरात्माकाव्यस्य’ कहकर रीति को काव्य की आत्मा माना है।
डॉ. दिलीप कुमार डॉ. अम्बेडकर, आचार्य विश्वनाथ, कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, आत्मकथा, पद्य, गद्य| सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची (Bibliography) द्वितीयक स्त्रोत (Secondary Sources) अन्तर्जालीय स्त्रोत (Internet Sources) Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022 Article Preview
पोस्ट डॉक्टरल फेलो, डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली, भारत
Date of Publication : 2022-02-07
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Page(s) : 46-52
Manuscript Number : GISRRJ203335
Publisher : Technoscience Academy
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