Manuscript Number : GISRRJ203336
घरेलू हिंसा महिला संरक्षण अधिनियम 2005 और सामाजिक दायित्व
Authors(1) :-डाॅ0 गंगा देवी बैरागी हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी से सन् 1947 मंें आजाद तो, हो, गया, पर हमारे समाज मंें स़्ित्रयांे की गुलामी की जंजीर अभी तक खत्म नही होने को आ रही है। वैसे तो कई कवियांे ने नारी की महिमा मंडन में कोई कसर नहीं छोड़ी है - जैसे नारी से नर होता हंै ध्रुव, प्रहलाद समान, इस वाक्याॅश पर गौर करें तो नारी, सिर्फ इसलिए पूज्यनीय है, कि ध्रुव प्रहलाद समान उसके पुत्र हैं।
डाॅ0 गंगा देवी बैरागी महिला, हिंसा, संरक्षण, अधिनियम, सामाजिक, गुलामी, अशिक्षित। Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022 Article Preview
प्राध्यापक समाजशास्त्र, शास.कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय मझौली, सीधी, मध्य प्रदेश।, भारत
Date of Publication : 2022-02-07
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Page(s) : 53-62
Manuscript Number : GISRRJ203336
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203336