Manuscript Number : GISRRJ203344
18वीं शताब्दी में मुस्लिम समाज सुधारक के रूप में शाहवली उल्ला का योगदान
Authors(2) :-प्रो0 हेरम्ब चतुर्वेदी, मोहम्मद शकीम सूफीवाद के प्रति शाहवली उल्लाह का व्यवहार सार्वभौमिक था। हालांकि उन्होंने नक्शबन्दी सम्प्रदाय की दीक्षा प्राप्त की थी किन्तु उन्होंने अपने समय के चारो प्रमुख सूफी सम्प्रदायों से प्रेरणा प्राप्त की। वास्तव में नवदीक्षितो को अपनी शिष्य मण्डली में शामिल करते समय वह चारो मतों के प्रमुख शेखो का नाम लेते थे ताकि नवदीक्षितों को उनकी आध्यात्मिक कृपा प्राप्त हो सके। गोर परस्ती (संतो की कब्र की पूजा) के प्रति उनका दृष्टिकोण उसी प्रकार न्याय संगत था उन्होंने मृत संतों से आर्थिक मदद माँगने की प्रथा की निन्दा की किन्तु उनके मकबरे पर जाने पर रोक नहीं लगाई। उनका विश्वास था कि मदीना में पैगम्बर मुहम्मद के मकबरे पर जाने से आत्मिक शान्ति मिलती है।
प्रो0 हेरम्ब चतुर्वेदी मुस्लिम, समाज, शाहवली उल्ला, सार्वभौमिक, शान्ति, सम्प्रदाय, सांस्कृतिक। Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022 Article Preview
प्रोफेसर, शोध निर्देशक, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज।
मोहम्मद शकीम
शोधार्थी, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज।
Date of Publication : 2022-02-07
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 123-127
Manuscript Number : GISRRJ203344
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203344