Manuscript Number : GISRRJ20351
महावीर प्रसाद द्विवेदी व उनका युग
Authors(1) :-डाॅ0 राजेश कुमार मिश्र भारतेन्दु जी की मृत्यु के 15 वर्ष बाद तक साहित्य में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं दिख रहा था भारतेन्दु जी की मान्यताएं, उनकी मर्यादा से अलग किसी धारा का विकास होता नहीं दिख रहा था। 1903 तक उन्हीं की मान्यता को स्वीकार करके साहित्य सृजन हो रहा था। सरस्वती का प्रकाशन (1900-1903) तक हुआ पर, कोई परिवर्तन नहीं दिखा। 1903 में महावीर प्रसाद द्विवेदी जब सरस्वती पत्रिका के सम्पादक बने तब साहित्यिक मान्यताएँ धीरे-धीरे बदलने लगीं। 1903 से 1918 तक द्विवेदी काल माना जाता है क्योंकि 1918 से द्विवेदी युगीन काव्य वृत्तियों के विरोध में स्वच्छन्दतावादी काव्य धारा आरंभ हो जाती है।
डाॅ0 राजेश कुमार मिश्र महावीर प्रसाद द्विवेदी, युग, साहित्य, हिन्दी, आधुनिक, भाषा, व्याकरण। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020 Article Preview
सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग, मर्यादा देवी कन्या पी0जी0 कालेज, बिरगापुर, हनुमानगंज, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-09-30
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Page(s) : 01-05
Manuscript Number : GISRRJ20351
Publisher : Technoscience Academy
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