Manuscript Number : GISRRJ203513
सल्तनतकालीन मिथिला में शिक्षा का विकास
Authors(1) :-विजय कुमार मिश्रा मिथिलांचल के बहुत से गांव विद्वान नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ अनेक संस्कृत विद्यापीठ विश्रुत कार्यरत रहे हैं वहाँ सुदूर प्रांतो के मेघावी विद्वान आकर अपनी पूर्ण शिक्षा प्राप्त की है। जिस तरह विश्वविद्यालय नालन्दा महाविहार से पुराण दर्शन काव्य साहित्य अनेक विषयों पर मेधावी छात्र पारंगत विद्वान हुए थे। उसी तरह उदयन विद्यापीठ, कुमारिल विद्यापीठ, प्रभाकर विद्यापीठ आदि संस्थानों में बहुत से विद्वान तैयार हुए थे। यहाँ कला के क्षेत्र मंे भी विद्वानों की हमेशा रूचि रही है जिससे कला के क्षेत्र में भी यहाँ के विद्वानों ने अनेक विधा की रचना की है। शान्त वातावरण होने के कारण मिथिलांचल में साहित्यिक प्रसार की धारा हमेशा प्रवाहित हुई है। मिथिलांचल के शासक द्विज सेवी होने के कारण संस्कृत विद्वानों के बहुत ही पूर्ण संतोषक रहे हंै। जिससे धर्मशास्त्र के क्षेत्र में भी यहाँ बहुत निबन्धक ग्रंथों का निर्माण हुआ है। प्रत्येक काल में भारतीय संस्कृति के पक्षपाती मिथिलांचल के विद्वानों ने संस्कृत साहित्य का जोरदार प्रचार-प्रसार किया।
विजय कुमार मिश्रा शिक्षा, साहित्य, गुरूकुल, गुरू-शिष्य संबंध Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
ग्राम-लदारी, पो0-समैला लालगंज, भाया-केवटी, जिला-दरभंगा, बिहार, भारत।
Date of Publication : 2020-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 81-86
Manuscript Number : GISRRJ203513
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203513