मैथिलीशरण गुप्त: नारी भावना

Authors(1) :-डाॅ0 लालजीत राम

मैथिलीशरण गुप्त की नारी में आत्मबल है वह भयभीत नहीं होती। उस पर किये गये अत्याचार एवं अन्याय का प्रतिरोध करने के लिए तैयार रहती है। महापुरुषों के त्याग के पीछे नारी की छिपी वेदना को सामने लाते हैं और भारतीय संस्कृति के मर्यादाओं की रक्षा करते हैं।

Authors and Affiliations

डाॅ0 लालजीत राम
असि0 प्रोफेसर- हिन्दी, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आलापुर, अम्बेडकरनगर, उत्तर प्रदेश, भारत।

मैथिलीशरण गुप्त, नारी,भावना, हिन्दी, साहित्य, कवि।

  1. साकेत-मैथिलीशरण गुप्त- साकेत प्रकाशन, चिरगाँव, झाँसी पृ0 01।
  2. वही पृ0 सं0- 248।
  3. मैथिलीशरण गुप्त- रेवती रमण-साहित्य अकादमी नयी दिल्ली, पृ0 41।
  4. साकेत-मैथिलीषरण गुप्त- साकेत प्रकाशन, चिरगाँव झाँसी पृ0- 167।
  5. हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास-रामस्वरूप चतुर्वेदी-लोक भारती प्रकाशन, इलाहाबाद पृ0सं0- 98।
  6. यशोधरा-मैथिलीशरण गुप्त- साहित्य सदन, चिरगाँव झाँसी पृ0 24।
  7. वही पृ0- 38।
  8. विष्णुप्रिया- मैथिलीशरण गुप्त- साहित्य सदन, चिरगाँव झाँसी पृ0 सं0- 42।
  9. वही पृ0 सं0 83।

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 77-80
Manuscript Number : GISRRJ203515
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ0 लालजीत राम, "मैथिलीशरण गुप्त: नारी भावना", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 5, pp.77-80, September-October.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203515

Article Preview