आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी के काव्यों मंे माक्र्सवाद की झलक (‘लहरीदशकम्’ के विशेष सन्दर्भ में)

Authors(1) :-रवीन्द्र कुमार पंथ

आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी कार्ल माक्र्स के समान श्रमिक वर्ग के पक्षधर हैं तथा उन्हें सम्यक् शोषणविहीन स्थिति में लाना चाहते हैं। उनके अनुसार देश में समाजवाद के नाम पर पूंजीवादी का बोलबाला जनता के साथ हो रहा छलावा है जो देश के लिए घातक है। इस प्रकार यह सिद्ध होता है कि माक्र्स वाद के विभिन्न सिद्धान्त आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी जी के काव्यों में व्यापक रूप से दृष्टिगोचर होता है।

Authors and Affiliations

रवीन्द्र कुमार पंथ
शोधच्छात्र, संस्कृत-विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, भारत।

आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी, कार्ल माक्र्स, श्रमिक वर्ग, समाजवाद, काव्य।

  1. आधुनिक राजनीतिक विचारक, चन्द्रदेव प्रसाद, अटलांटिक प्रकाशन, पृ. सं. 125
  2. वही, पृ. सं. 119
  3. वही, पृ. सं. 117
  4. लहरीदशकम्, राधवल्लभत्रिपाठी, जनतालहरी,1
  5. वही, 2
  6. लहरीदशकम् वसन्तलहरी, 53
  7. लहरीदशकम् जनतालहरी, 12
  8. लहरीदशकम् प्रवृडलहरी, अन्तिम पद्य
  9. लहरीदशकम् रोटिकालहरी, 13
  10. वही, 24-25
  11. लहरीदशकम् जनतालहरी, 25
  12. वही, 42
  13. वही, 2
  14. वही, 3
  15. वही, 6
  16. वही, 4
  17. लहरीदशकम् निदाघलहरी, 9
  18. लहरीदशकम् रोटिकालहरी, 42
  19. वही, 47
  20. लहरीदशकम् जनतालहरी, 21
  21. वही, 20
  22. वही, 25
  23. वही, 39
  24. वही, 44

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 81-87
Manuscript Number : GISRRJ203517
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

रवीन्द्र कुमार पंथ, "आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी के काव्यों मंे माक्र्सवाद की झलक (‘लहरीदशकम्’ के विशेष सन्दर्भ में) ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 5, pp.81-87, September-October.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203517

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