गरीबी एवं उत्तर प्रदेश सरकार का प्रयास: आलोचनात्मक विश्लेषण

Authors(1) :-डाॅ. मनमोहन प्रसाद पाण्डेय

प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में गरीब परिवारों के विकास के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही हैं तथा इन योजनाओं का वित्तीय भार राज्य एवं केन्द्र सरकार संयुक्त रूप से वहन कर रहीं हैं। साथ ही प्रदेश में गरीब परिवारों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा स्वयं वित्तपोषित योजनाएं भी संचालित है। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में गरीबों के लिए विकास के लिए कई योजनओं का संचालन किया गया है जिसको प्रदेश सरकार का पूरक प्रयास माना जा सकता है। गरीबी निवारण हेतु संचालित विभिन्न योजनाएं मुख्यतः मानव के न्यूनतम आवश्यकताओं पर आधारित है जिसके अन्तर्गत रोज़गार, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा एवं कृषि व्यापक जैसे क्षेत्रों को समाहित किया गया है। प्रस्तुत शोध अध्ययन के अन्तर्गत पूर्व के अध्यायों में लिए गये विश्लेषण के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में किए गए प्रयासों एवं प्राप्त उपलब्धियों को क्षेत्र-वार निष्कर्ष रूप में निम्नवत प्रस्तुत किये गये है।

Authors and Affiliations

डाॅ. मनमोहन प्रसाद पाण्डेय
भूतपूर्व शोध छात्र, वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश,भारत।

गरीबी, योजनाएं, संचालित, राजनीतिक, मानव, आवश्यकता।

  1. कार्यालय, जिला समाज कल्याण विभाग।
  2. कार्यालय, जिला समाज कल्याण विभाग।
  3. कार्यालय, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण।
  4. सुनिश्चत रोज़गार योजना
  5. मूल्यांकन निर्देषिका, 2000, पृष्ठ-5, गोविन्द बल्लभ पन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान योजना आयोग, भारत सरकार।
  6. मूल्यांकन निर्देषिका, 2000, पृष्ठ-6, गोविन्द बल्लभ पन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान योजना आयोग, भारत सरकार।

 

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020
Date of Publication : 2020-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 93-111
Manuscript Number : GISRRJ203521
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ. मनमोहन प्रसाद पाण्डेय, "गरीबी एवं उत्तर प्रदेश सरकार का प्रयास: आलोचनात्मक विश्लेषण", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 3, pp.93-111, May-June.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203521

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