इतिहास और पर्यटन

Authors(1) :-डाॅ0 अभिजात ओझा

सारांश - इतिहास का प्रमुख स्थान है हम अपने तीर्थों, ऋषि मनीषियों, महात्माओं जैसे बुद्ध, महावीर, गुरूनानक की दी हुई धरोहर और इतिहास पर गर्व कर सकते है, आज ये पर्यटन का अहम हिस्सा है शायद इनके बिना पर्यटन सम्भव ही नहीं है या अधूरा सा है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 अभिजात ओझा
असिस्टेंट प्रोफेसर, प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग, नेहरु ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।

इतिहास, पर्यटन, महात्मा, मानव, जीवन, प्रागैतिहासिककाल, पुरापाषाणकाल, मध्यपाषाणकाल, नवपाषाणकाल।

  1. नागरं तु चतुस्रंस्यात् वृत्तं स्यात् वेसरम्। द्रविड़ च अण्टस्रतुं........ - सुप्रभेदागम्
  2. पुण्कारिणी कारिता सेनत्रेतो तीर्थेच पत्तनम्। सिद्धेश्वरी महादेवः कारितस्तुंग मन्दिरं।।
    • जोधपुर प्रशस्ति
  3. राजातेन स्व देवीनां यशः पुण्य-अभिवृद्वये। अन्तः पुर-पुरं नाम्ना व्यवधयि नरक-द्विपः।।
    • ग्वालियर प्रशस्ति
  4. ग्रिफिथ, बर्गेस और फर्गुसन ने इस चित्र की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। यू0एन0 राय, गुप्त सम्राट और उनका काल, इलाहाबाद, 1971, पृ0 375
  5. वही
  6. जी0सी0 पाण्डे, वैदिक संस्कृति, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद-2001
  7. वही
  8. एच0सी0 रायचैधरी, पाॅलिटिकल हिस्ट्री आॅफ ऐंश्यिेण्ट इण्डिया
  9. वही
  10. इपिग्राफिया इण्डिका

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020
Date of Publication : 2020-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 112-126
Manuscript Number : GISRRJ203522
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ0 अभिजात ओझा, "इतिहास और पर्यटन ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 3, Issue 3, pp.112-126, May-June.2020
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203522

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