जानकीहरणम् में प्रकृति चित्रण: एक परिशीलन

Authors(1) :-डाॅ गिरीश प्रसाद मिश्र

महाकवि कुमारदास ने ‘‘जानकीहरणम्’’ महाकाव्य में सेतु बन्धन का वर्णन, तपोवन का वर्णन, आश्रम का वर्णन, पर्वत की शोभा का वर्णन, राक्षसिनियों के केलि का वर्णन आदि रूपों में भी प्रकृति चित्रण किया है।

Authors and Affiliations

डाॅ गिरीश प्रसाद मिश्र
सुभाष नगर, सैनी, सिराथू, कौशाम्बी, उत्तर प्रदेश, भारत

कुमारदास, जानकीहरणम्, महाकाव्य, प्रकृति चित्रण, सर्ग।

  1. जानकीहरणम् 3/4
  2. वही 3/6
  3. वही 3/7
  4. वही 3/3
  5. जानकीहरणम् 3/8,
  6. वही 3/5
  7. वही, 3/10
  8. वही, 3/9
  9. वही 3/11
  10. वही, 3/13 इ0सं0
  11. वही, 11/41, इ0सं0
  12. वही 11/48
  13. वही 11/51
  14. जानकीहरणम् 11/52
  15. वही 11/43
  16. वही 12/5
  17. वही, 12/7 इ0सं0
  18. वही 12/15
  19. वही 12/16
  20. वही 12/14
  21. वही 13/78 इ0सं0
  22. जानकीहरणम् 3/64 इ0सं0
  23. वही 3/65
  24. वही 16/2
  25. जानकीहरणम् 8/49 इ0सं0
  26. वही 8/60
  27. वही 16/4
  28. वही 16/10
  29. जानकीहरणम् 16/19, इ0सं0
  30. वही 16/24
  31. वही 16/18
  32. जानकीहरणम् 8/66 इ0सं0
  33. वही 8/67
  34. वही 8/68
  35. वही, 8/79
  36. जानकीहरणम 8/83 इ0सं0
  37. जानकीहरणम् 2/68, इ0सं0
  38. वही 8/34
  39. जानकीहरणम् 3/36 इ0सं0

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 3 | May-June 2019
Date of Publication : 2019-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 135-140
Manuscript Number : GISRRJ2035283
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ गिरीश प्रसाद मिश्र, "जानकीहरणम् में प्रकृति चित्रण: एक परिशीलन ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 2, Issue 3, pp.135-140, May-June.2019
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2035283

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