Manuscript Number : GISRRJ2035287
माण्डूक्योपनिषद् में ओंकार तत्त्व
Authors(1) :-सुभाष सिंह
सुभाष सिंह भारतीय विचारधारा के विकासक्रम में उपनिषद् दर्शन का महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय दर्शन की लगभग सभी चिंतन पद्धतियों का मूल उपनिषद् में पाया जाता है। वेद के चार भागों संहिता, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद् में परिगणित होने से उपनिषद् को भी वेद के नाम से जाना जाता है। ओंकार, ब्रह्म, आगम, वैतथ्य, अद्वैत, अलातशान्तिप्रकरण, जीव, माया। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 3 | May-June 2019 Article Preview
शोधच्छात्र, संस्कृत विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज,उत्तर प्रदेश, भारत
Date of Publication : 2019-06-30
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Page(s) : 155-161
Manuscript Number : GISRRJ2035287
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2035287