Manuscript Number : GISRRJ2035288
सामाजिक विकास: सहकारी आन्दोलन
Authors(1) :-डाॅ॰ देवेन्द्र प्रसाद इंग्लैण्ड में रस्किन तथा कार्लाइल ने उपयोगितावादियों को विरोध किया, उसी प्रकार गाँधी ने माक्र्स से प्रभावित उन लोगों के विचारों का खण्डन किया जो भारतीय समाज को एक औद्योगिक समाज में बदलना चाहते थे। वैश्वीकरण ने दो समान्तर दुनियाएँ खड़ी कर दी है। एक दुनिया वह है जिसके पास आय है, शिक्षा और शैक्षिक संपर्क है, उसके लिए सूचना प्राप्त करना सरल और सुविधाजनक है और दूसरी ओर दूसरी दुनिया वह है जो अनिश्चित है, धीमी है और जिसके लिए सूचना तक पहुंचना मंहगा है। जब ये दोनों दुनियाएँ साथ-साथ रहती हैं और प्रतियोगिता करती हैं तो निश्चित रूप से गरीबों को दुनिया पिछड़ जाती है।
डाॅ॰ देवेन्द्र प्रसाद ओंकार, ब्रह्म, आगम, वैतथ्य, अद्वैत, अलातशान्तिप्रकरण, जीव, माया। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 3 | May-June 2019 Article Preview
सहायक प्राध्यापक, पी0के0 राॅय मेमोरियल महाविद्यालय, धनबाद, (झारखण्ड), भारत
Date of Publication : 2019-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 162-174
Manuscript Number : GISRRJ2035288
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2035288