Manuscript Number : GISRRJ203529
मार्कण्डेय के चारित्रिक पहलू का समीक्षात्मक अध्ययन
Authors(2) :-डाॅ0 ममता मिश्रा, दिलीप कुमार वर्मा स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कथा साहित्य में मार्कण्डेय एक प्रमुख नाम है। वे एक प्रतिबद्ध रचनाकार है। उनका स्वभाव मृदु, भावुक तथा संवेदनशील बनता गया। उन्होंने अपने बाबा और माँ से सीखा कि गरीब और दीन-दुखियों तथा उपेक्षित समाज के प्रति सहानुभूति और प्रेम ही मनुष्य को महान बनाता है। माँ और बाबा के इन्हीं संस्कारों के फलस्वरूप आगे चलकर के एक सफल जनवादी तथा प्रतिबद्ध लेखक बन सके। उनका कथा साहित्य प्रगतिशील चेतना के आलोक में गतिशील हुआ है। मार्कण्डेय के व्यक्तित्व में गंभीरता, स्पष्टवादिता, स्वाभिमान, आत्मविश्वास, कल्पनाशीलता, मिलनसारिता, भावुकता, देशप्रेम आदि अनेक पहलुओं के दर्शन होते हैं जो उन्हें अन्यों से भिन्न स्थापित करते हैं।
डाॅ0 ममता मिश्रा कथा-साहित्य, प्रतिबिम्बित, ग्रामीण, धार्मिक जीवन, अंधविश्वास। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020 Article Preview
शोध-निर्देशिका, (सह-आचार्य/विभागाध्यक्ष) हिन्दी विभाग, नेहरू ग्राम भारती (मा0वि0वि0), प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।, भारत।
दिलीप कुमार वर्मा
शोध-छात्र (हिन्दी) हिन्दी विभाग, नेहरू ग्राम भारती (मानित विश्वविद्यालय), प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।, भारत।
Date of Publication : 2020-10-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 115-119
Manuscript Number : GISRRJ203529
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203529