Manuscript Number : GISRRJ203531
पुराण और भारतीय संस्कृति
Authors(1) :-श्रीमती कृतिका शर्मा पुराण विश्व साहित्य के प्रचीनत्म ग्रँथ हैं। उन में लिखित ज्ञान और नैतिकता की बातें आज भी प्रासंगिक, अमूल्य तथा मानव सभ्यता की आधारशिला हैं। वेदों की भाषा तथा शैली कठिन है। पुराण उसी ज्ञान के सहज तथा रोचक संस्करण हैं। राष्ट्र अपना इतिहास इसी दृष्टिकोण से लिखता है कि उसका उद्देश्य पुष्ट हो। महर्षियों में भी भूगोल इतिहास, व्यक्ति, घटना आदि का इसी दृष्टि से वर्णन किया। जो स्थल, घटनाएँ या व्यक्ति समाज के लिये आध्यात्मिक प्रेरणा देने में किसी प्रकार सहायक हो सकते थे, वे चाहे साधारण दृष्टि से कम महत्त्वपूर्ण हों उनका वर्णन किया गया, और जो इस लक्ष्य में प्रेरक नहीं थे, वे चाहे जितने महत्त्वपूर्ण रहे हों उनकी चर्चा नहीं है। जैसे पुराणों में यह कहीं पता नहीं लगता कि जम्बूद्वीप का बड़ा भाग कब, क्यों और कैसे जलमग्न हुआ।
श्रीमती कृतिका शर्मा भारतीय, संस्कृति, पुराण, आध्यात्मिक, समाज, राष्ट्र। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 3 | May-June 2020 Article Preview
प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय किशनपुरा टोंक, राजस्थान।
Date of Publication : 2020-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 192-197
Manuscript Number : GISRRJ203531
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ203531