Manuscript Number : GISRRJ2036712
भ्रष्टाचार और लोकपाल
Authors(1) :-डाॅ. पूनम सिंह
भ्रष्टाचार वर्तमान राजनीति की विश्वव्यापी समस्या बन चुकी है, यह एक ऐसा रोड है, खासतौर से भारत में लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था की नींव हिला दिया है। ये प्रशासन, विकास तथा लोकतन्त्र का परिह्ास है। ट्रान्सपेरेंसी इण्टरनेशनल नाम संस्था की ओर से एक बार फिर यह उजागर किया गया कि भारत भ्रष्ट देशों की सूची मे शीर्ष पर बना हुआ है। भ्रष्टाचार के मामले में भारत जिन देशों के साथ है, उनमें अफगानिस्तान, नाईजीरिया, युगांडा सरीखे देश है जो अलोकतान्त्रिक रूप से प्रसिद्ध है। ऐसे देशों के साथ भारत की गिनती होना, विश्व की सबसे सफलतम् लोकतन्त्र की साख गिरना है। इस संस्था के अनुसार भारत लगभग हर दूसरा व्यक्ति अपना काम कराने के लिए रिश्वत देने को विवश है। हालांकि यह माना जाता है कि इस तरह हर स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार विकास विरोधी है। लेकिन वर्तमान सरकार इस पर कोई कार्यवाही करती हुई नजर नही आ रही है। इसकी ओर पूरा देश अन्ना के नतृत्व में वर्षों से लम्बित लोकपाल विधेयक पारित कराने के लिए आन्दोलित था, लेकिन इसे भी ठण्डे बस्ते में राजनीतिक दलों ने डाल दिया।
डाॅ. पूनम सिंह
नेट पी-एच.डी. राजनीतिशास्त्र
Publication Details
Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020
Date of Publication : 2020-12-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 198-204
Manuscript Number : GISRRJ2036712
Publisher : Technoscience Academy
ISSN : 2582-0095
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URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2036712



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