Manuscript Number : GISRRJ2036716
दिव्यांग बच्चों की शिक्षा हेतु सरकारी प्रयास: एक अध्ययन
Authors(1) :-डाॅ0 मुकुन्द मोहन पाण्डेय दिव्यांग बच्चे शारीरिक एवं मानसिक रूप से अक्षमता तो पहले से ही होती है। ऊपर से मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ने पर वे अनेक समायोजन सम्बन्धी समस्याओं के शिकार हो जाते है। इन्हें संवेगात्मक समायोजन तथा इनकी शिक्षा-दीक्षा में सहायता प्रदान के लिए यह आवश्यक है कि इन बच्चों के व्यक्तित्व आवश्यकता को जाना जाय तथा इन्हें समाज में समायोजित करने के लिए उनकी आवश्यकताओं के आलोक में प्रयास किये जाये। सभी प्रकारों के प्रयासों की नींव ज्ञान की आधारशिला पर रखी जाती है। अतः समाज की मुख्य धारा में दिव्यांग बच्चों को सम्मलित करने के लिए यह आवश्यक है कि सामान्य बच्चों के सापेक्ष उनकी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाय तथा सरकार, नीति-निर्देशक तथा सामाजिक व्यवस्था में उन्हें ज्यादा-ज्यादा रियायतों एवं सुविधाओं का दिया जाना अति आवश्यक है। जिससे दिव्यांग बच्चे किसी के ऊपर आश्रित न होकर आत्मनिर्भर बन सके तथा वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा ‘मन की बात’ में कही गयी बातें जिसमें उन्होंने विकलांग बच्चों को दिव्यांग का नाम दिया तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा प्रदान करते हुए बहुत सारी योजनाएँ लागू की।
डाॅ0 मुकुन्द मोहन पाण्डेय दिव्यांग, सरकारी एवं गैर सरकारी नीतियाँ, रियायतें, सुविधाएँ, लागू। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020 Article Preview
असिस्टेण्ट प्रोफेसर, डिर्पाटमेण्ट आॅफ स्पेशल एजुकेशन (एच.आई.), जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश‚भारत।
Date of Publication : 2020-12-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 221-225
Manuscript Number : GISRRJ2036716
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ2036716