Manuscript Number : GISRRJ213220
नीरसता से परे जीवन की सार्थकता की वकालत करती जन आंदोलंकारी कविताएँ
Authors(1) :-डॉ अर्चना त्रिपाठी 'स्वातंत्र्योत्तर' भारत का परिदृश्य पंचवर्षीय योजनाओं, युद्धों, परमाणु परीक्षणों और साम्राज्यवाद के आगे समर्पण से ही निर्मित नहीं होता बल्कि तेलंगाना, नक्सलबाड़ी से लेकर संपूर्ण क्रांति आंदोलन, देश की स्वतंत्रता से हताश नौजवानों, किसानों की आत्महत्या, महिला-उत्पीड़न, अस्मिता विमर्श मूलक आंदोलनों यानी सामाजिक, नव सामाजिक आंदोलनों से भी निर्मित होता है।
डॉ अर्चना त्रिपाठी नीरसता जीवन सार्थकता आंदोलन सामाजिक आंदोलन साम्राज्यवाद। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय।, भारत।
Date of Publication : 2021-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 151-153
Manuscript Number : GISRRJ213220
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ213220