Manuscript Number : GISRRJ213223
निःशस्त्रीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा
Authors(2) :-डाॅ0 महेश पति त्रिपाठी, सम्बद्ध-दीन दयाल उपाध्याय 11 सितंबर 2001 को अतांकवाद का प्रलयकारी रूप विश्व के मानसपटल पर हमेशा अंकित रहेगा व अमेरिका के लिए वह विनाशकारी दिन एक सबक की तरह था, कि दूसरों के लिए कुंआ खोदने वाले कभी खुद भी उसमें गिर जाते हैं, ये कहावत अमेरिका पर सही सिद्ध होती है। राष्ट्रपति कैनेडी ने 1961 में कहा था कि इन हथियारों को नष्ट करना ही होगा वरना ये हमें नष्ट कर देंगे एवं यह धरती किसी के जीवित रहने योग्य ही नहीं रह सकेगी। यदि परमाणु युद्ध हुआ तो इस पृथ्वी से मानवता का समूल नाश कर देंगे। यदि यदि युद्ध केवल उतरी गोलार्द्ध में होता है तब भी इसके गंभीर परिणाम सम्पूर्ण विश्व को भुगतने होंगे। विश्व सुरक्षा व शांति के नाम पर विभिन्न प्रकार के हथियारों के ढेर पर बैठा है। यह सही कि उक्त कटौतियों के बावजूद मानव संहार के लिए पर्याप्त परमाणु भण्डार बचे रहेंगे। वर्तमान समय में परमाणु सम्पन्न राष्ट्र निःशस्त्रीकरण को अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक सही कदम मान रहे है, वहीं भारत इस संधि को भेदभाव पूर्ण मान रहा है। भारत का मानना है कि यह संधि न्यायपूर्ण नहीं है। यह योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक इस योजना को पूरी ईमानदारी व वफादारी के साथ न अमल में लाया जाए, इस योजना में कई बाधाएं आ रही है, जिसमें अनुपात की समस्या मुख्य है। इसमें सभी देशों को अपने शस्त्रों का आनुपातिक रूप कम करना होगा, दूसरा राष्ट्रीय हित व सुरक्षा, राजनीतिक समस्याएं है। जब तक अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति वैचारिक प्रतियोगिता, संकीर्ण राष्ट्रवाद, स्वार्थपूर्ण राष्ट्रीय हितों की सीमा में बंधी है तो निःशस्त्रीकरण संभव नही है।
डाॅ0 महेश पति त्रिपाठी निःशस्त्रीकरण, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021 Article Preview
प्राचार्य, बाबू रामनरेश सिंह मेमोरियल डिग्री काॅलेज,
कोना-सोनबरसा, बरही, गोरखपुर (उ0प्र0)
सम्बद्ध-दीन दयाल उपाध्याय
गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर (उ0प्र0)
Date of Publication : 2021-03-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 171-176
Manuscript Number : GISRRJ213223
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ213223