महात्मा गाँधी एवं गिज्जुभाई के शैक्षिक एवं दार्शनिक विचारों का वर्तमान शिक्षा में प्रासंगिकता

Authors(2) :-विनोद कुमार, डाॅ0 विजय बहादुर सिंह

शिक्षा एक ऐसा सशक्त साधन है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने आचार, विचार व्यवहार में परिवर्तन करता है। शिक्षा बन्द समाजों की समाप्ति कर नये तथा प्रगतिशील समाजों का निर्माण करती है? शिक्षा सीखने तथा सीखाने की प्रक्रिया है जो मनुष्य के जीवनपर्यन्त तक चलता है। शिक्षा अनवरत सतत् लगातार एक प्रक्रिया है। गाँधी जी एक प्रयोगवादी और व्यवहारिक व्यक्ति थे जिन्होंने दक्षिणी अफ्रीका और भारत में शिक्षा उपकरणों के प्रयोग पर सिद्धान्तों को व्यवहार में प्रयुक्त किया। गाँधी जी भारत में स्वतन्त्रता को पूर्व प्रचलित शिक्षा प्रणाली के दोषों से अवगत थे और उसे सुधारने के लिए उन्होंने प्रयत्न भी किया है। गिज्जुभाई एक मात्र भारतीय बाल शिक्षा विद् थे। उनके न पहले ही न तो कोई बाल शिक्षा विद नजर आता है और ना तो उसके पश्चात ही। बालकों के बारे में, इतनी गहराई से, इतनी पीड़ा और तर्क बुद्धि से सोचने वाले सिर्फ वही थे। गिज्जुभाई ने अपने छोटे से आयुष्य काल में गुजरात की शिक्षा के क्षेत्र में जो उल्लेखनीय कार्य किये थे उसके उल्लेख में शब्द कम पड़ जाते हैं कारण गिज्जुभाई एक व्यावहारिक स्वप्न दृष्ट थे। बालकों की शिक्षा को उन्हों मातृ शिक्षा के रूप एवं संक्षिप्त अर्थ में अंगीकार नहीं किया था, अपितु बाल शिक्षा को उन्होंने सामाजिक पुर्नरचना के माध्यम के रूप में ग्रहण करना शिक्षकों को सिखाया था। गाँधी जी की बुनियादी शिक्षा वर्तमान समय में राष्ट्र के लिए अमूल्य धरोहर है जिसके द्वारा बालकों में स्वावलम्बन तथा आत्मनिर्भर, जागृत करेगी। हस्तकौशल के माध्यम से बालक व्यवसायिक समस्याओं से दूर होगा। जिसमें आज की बढ़ती हुयी बेरोजगारी पर अंकुश लग सकता है। जिससे प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होगी और देश आपके स्वरूप से सबल होगा और प्रगति करेगा। प्रस्तुत अध्ययन गिज्जुभाई बधेका के शैक्षिक विचारों का संकलन कर उनके गहन अध्ययन एवं भावी शोध हेतु इस क्षेत्र में दिशा एवं गति प्रदान करेगा।

Authors and Affiliations

विनोद कुमार
शोधकत्र्ता, एम0ए0 शिक्षाशास्त्र हण्डिया पोस्ट ग्रेजुएट काॅलेज हण्डिया, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
डाॅ0 विजय बहादुर सिंह
शोध-निर्देशक, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष शिक्षाशास्त्र विभाग, हण्डिया पोस्ट ग्रेजुएट काॅलेज हण्डिया, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

महात्मा गाँधी, गिज्जुभाई बधेका, शिक्षा, दर्शन, विचार, तुलना, प्रासंगिकता।

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Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021
Date of Publication : 2021-03-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 177-181
Manuscript Number : GISRRJ213224
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

विनोद कुमार, डाॅ0 विजय बहादुर सिंह, "महात्मा गाँधी एवं गिज्जुभाई के शैक्षिक एवं दार्शनिक विचारों का वर्तमान शिक्षा में प्रासंगिकता", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 2, pp.177-181, March-April.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ213224

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