मैला आँचल में आदिवासी चिंतन की एक झलक

Authors(1) :-डॉ. धनेश्वर मांझी

उपन्यास में उनके संघर्ष, न्यायप्रियता और आत्मसम्मान को कई बार रेखांकित किया गया है। भूमि, स्वतंत्रता और पहचान के लिए उनका प्रतिरोध आदिवासी चिंतन की मूल आत्मा है, जिसे रचनाकार ने सच्चाई के साथ प्रस्तुत किया है। मैला आँचल में आदिवासी समाज का चित्रण केवल एक पृष्ठभूमि भर नहीं है, आदिवासी समुदाय के संघर्ष, अस्तित्व और गरिमा को भी संवेदनशीलता और सम्मान के साथ प्रस्तुत करता है। मेरी निगाह में यह उपन्यास इसलिए महत्त्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि लेखक ने आदिवासी जीवन के उस पक्ष को मुख्यधारा समाज के सामने रखा जिससे वे परिचित नहीं थे।

Authors and Affiliations

डॉ. धनेश्वर मांझी
असिस्टेंट प्रोफेसर एवं टीचर्स इंचार्ज, संताली विभाग, विश्वभारती, शांतिनिकेतन

मैला आँचल, आदिवासी, संवेदनशीलता, आत्मसम्मान, न्यायप्रियता, मुख्यधारा।

  1. रेणु, फणीश्वरनाथ, मैला आँचल, राजकमल, पृष्ठ- 100
  2. रेणु, फणीश्वरनाथ, मैला आँचल, राजकमल, पृष्ठ- 100
  3. रेणु, फणीश्वरनाथ, मैला आँचल, राजकमल, पृष्ठ- 102
  4. रेणु, फणीश्वरनाथ, मैला आँचल, राजकमल, पृष्ठ- 154
  5. रेणु, फणीश्वरनाथ, मैला आँचल, राजकमल, पृष्ठ- 219

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021
Date of Publication : 2021-03-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 209-213
Manuscript Number : GISRRJ213228
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. धनेश्वर मांझी, "मैला आँचल में आदिवासी चिंतन की एक झलक", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 2, pp.209-213, March-April.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ213228

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