हर्षचरितम् में धर्मशास्त्रीय अंश

Authors(1) :-रेखा जैसवार

इसमें बाणभट्टकृत हर्षचरित में उपलब्ध धर्मशास्त्र विषयक संदर्भ उपस्थत है। बाण ने हर्षचरित मंे धार्मिक एवं सामाजिक रूपरेखा को प्रस्तुत किया है, जिसमें उन्होंने यज्ञ, दान, महापातक एवं विवाह संस्कार आदि प्रसंगों का उल्लेख मिलता है। तत्कालीन सामाजिक एवं धार्मिक विषयक ज्ञान प्राप्त होता है, ज्ञान के बल पर ऊपर उठकर जो पूर्ण सत्य, आप्तकार्यता अमृतत्व और परम शान्ति की अनुभूति होती है।

Authors and Affiliations

रेखा जैसवार
शोधच्छात्रा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, भारत।

यज्ञ, षड्ाहुति, अग्नि, महापादक, स्कन्द, हवन, प्रायश्चित, इन्द्राणी।

  1. धारणात् धर्ममित्याहुः धर्मो धारयते प्रजाः। यत्स्याद्धरण संयुक्तं स ‘धर्म’ इति निश्चयः।।’-महाभारत (कर्णपर्व)
  2. प्रभवार्थं च भूतानां धर्म प्रवचनं कृतम्।.....महाभारत
  3. यतोऽभ्युदय निःश्रेयस् सिद्धिः स धर्मः।-कणाद्, वैशेषिकदर्शन
  4. हर्षचरित- 5/457
  5. हर्ष0 जीवानन्दकृत टीका- पृ0 472
  6. हर्षचरित-5/453
  7. बृहत्संहिता-46/6
  8. हर्षचरित-2/187
  9. हर्षचरित-3/263
  10. हर्षचरित-2/189
  11. हर्षचरित-4/414
  12. हर्षचरित-4/435
  13. हर्षचरित-5/503
  14. हर्षचरित-5/516
  15. हर्षचरित-5/477
  16. हर्षचरित-3/237
  17. महाभारत आदि0 74/40

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021
Date of Publication : 2021-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 94-97
Manuscript Number : GISRRJ213317
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

रेखा जैसवार, "हर्षचरितम् में धर्मशास्त्रीय अंश ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 3, pp.94-97, May-June.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ213317

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