मैथिली कथा साहित्यमे डाॅ. इन्दिरा झाक अवदान

Authors(1) :-डाॅ. ध्रुवज्योति कुमार सिंह

संसारक समस्त जीव-जन्तुकेँ ईश्वर बजबाक लेल मुँह देने छथि आ सभ जीव-जन्तु अपन आवश्यकताक अनुसारेँ बजैत अछि। मनुक्ख एकर अपवाद नहि अछि। मनुक्ख सेहो आवश्यकताक अनुसारेँ बजैत अछि। भलहिँ दोसराक दृष्टिमे आवश्यकतासँ कम वा बेसी बजैत अछि। ई दोसर बात थीक जे लोकक बाजब नीक होइत अछि वा अघलाह। कारण लोक इएह मुँहसँ नीक बात सेहो बजैत अछि आ अघलाह बात सेहो। नीक बातकेँ कर्णप्रिय कहल जाइत अछि आ अघलाह बातकेँ कर्णकटू कहल जाइत अछि। हँ, ई भिन्न गप अछि एकहि बात सभक लेल कटू वा प्रिय नहि भ सकैत अछि। ई बात व्यक्ति-व्यक्तिपर निर्भर करैत अछि। नीक आ अघलाह बातकेँ लऽ कऽ कहलो गेल अछि

Authors and Affiliations

डाॅ. ध्रुवज्योति कुमार सिंह
अध्यक्ष, मैथिली विभाग, साहिबगंज कॉलेज साहिबगंज, भारत।

  1. झा, डॉ. दिनेश कुमार: 2012 ; मैथिली साहित्यक आलोचनात्मक इतिहास; मैथिली अकादमी, पटना ; पृष्ठ सं.- 9,10
  2. श्रीश, डॉ. दुर्गानाथ झा: 1991 ; मैथिली साहित्यक इतिहास ; भारती पुस्तक केन्द्र, टावर चैक, दरभंगा ; पृष्ठ सं०- 337
  3. श्रीश, डॉ. दुर्गानाथ झा: 1991 ; मैथिली साहित्यक इतिहास ; भारती पुस्तक केन्द्र, टावर चैक, दरभंगा ; पृष्ठ सं०- 337, 338
  4. उपरोक्त, पृष्ठ सं.- 381
  5. झा, डाॅ॰ इन्दिरा, 2008, कठ जिब नारि सामि बिनु जीव, स्वाति प्रकाशन, लंगरटोली, पटना; पृष्ठ संख्या - 0
  6. झा, डाॅ॰ इन्दिरा, 2016, अंतहीन आकाश, स्वाति प्रकाशन, लंगरटोली, पटना; पृष्ठ संख्या - 7
  7. झा, डाॅ॰ इन्दिरा, 2021, नीलिमा, स्वाति प्रकाशन, लंगरटोली, पटना; पृष्ठ संख्या - 8

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 4 | July-August 2021
Date of Publication : 2021-08-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 70-78
Manuscript Number : GISRRJ214412
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ. ध्रुवज्योति कुमार सिंह, "मैथिली कथा साहित्यमे डाॅ. इन्दिरा झाक अवदान ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 4, pp.70-78, July-August.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ214412

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