Manuscript Number : GISRRJ214576
महिला कथाकारों के लेखन की पृष्ठभूमि
Authors(1) :-डॉ. माया गोला मानविकी विज्ञान, मीडिया और चिंतन प्रायः सभी क्षेत्रों में इक्कीसवीं सदी में आधुनिकता का विकास हो रहा है। आज हम इक्कीसवीं सदी के प्रथम दशक को समाप्त कर द्वितीय दशक के अंत में पहुंच चुके हैं। इसी के साथ हमारे देश, समाज एवं साहित्य का तीव्र गति से आधुनिकीकरण हो रहा है। साहित्य समाज का दर्पण होता है। क्योंकि समाज में चारों ओर जो भी घटित हो रहा है, उसी को माध्यम बनाकर साहित्यकार अपनी लेखनी द्वारा उन घटनाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अभिव्यक्त करता है। इक्कीसवीं सदी में आधुनिकरण के साथ ही साथ हमारा साहित्य भी आधुनिकता के शिखर पर पहुंच गया है।
डॉ. माया गोला इक्कीसवी सदी, महिला कथाकार, समाज एवं साहित्य आदि। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 5 | September-October 2021 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, परिसर अल्मोड़ा, उत्तराखंड, भारत।
Date of Publication : 2021-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 185-190
Manuscript Number : GISRRJ214576
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ214576