Manuscript Number : GISRRJ21458
आलोचना दृष्टि और रिचर्ड्स का सौंदर्यशास्त्र
Authors(1) :-प्रियंका चौधरी
रिचर्ड्स मूलतः कविता के व्याख्याकार हैं सिद्धांत निर्माता हैं। अपने आरंभिक लेखन-काल में ही रिचर्डस ने कविता की भाव-प्रक्रिया और अर्थ प्रक्रिया पर ध्यान केन्द्रित किया। रिचर्ड्स ऐसे आलोचक है जिन्होंने कविता की प्रकृति के विश्लेषण के लिए एवं वैज्ञानिक प्रतिपादन से उसका अन्तर दिखाने के लिए मनोविज्ञान की सहायता ली। रिचर्ड्स ने मनोविज्ञान का उपयोग मूलतः पाठक या भावक की मनःस्थिति के लिए किया। काव्यानुभूति पाठक को किस प्रक्रिया से प्राप्त होती है, उस अनुभूति का उसके ऊपर कैसा प्रभाव पड़ता है, उसका मूल्य क्या है, सफल भाव संचार के लिए भावक (पाठक) की कौन सी योग्यताएँ अपेक्षित है आदि विषयों का विशद विश्लेषण किया गया है। इस आलेख में रिचर्ड्स के इन सभी पक्षों का विश्लेषण किया गया है।
प्रियंका चौधरी
रिचर्ड्स, आलोचना, मनोवैज्ञानिक चिंतन, सौंदर्यशास्त्र, मूल्य सिद्धान्त । Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 5 | September-October 2021 Article Preview
शोधार्थी, हिंदी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली‚ भारत।
Date of Publication : 2021-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 45-50
Manuscript Number : GISRRJ21458
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ21458