डॉ सुभाषचन्द्र कुशवाहा के कथा -साहित्य में दलित-विमर्श

Authors(1) :-रेशमा त्रिपाठी

कुशवाहा जी की कहानियों में दलित विमर्श, दलित चेतना लगभग जाति दंश से जूझती, पिसती, लिपटी हुई प्रतीत होती हैं जिस पर कुशवाहा जी ने अपनी कलम चलाई है।

Authors and Affiliations

रेशमा त्रिपाठी
शोधार्थी, अवधेश प्रताप सिंह विश्व विद्यायल रीवा( मध्य-प्रदेश)

डाॅ सुबाषचन्द्र कुशवाहा, कथा, साहित्य, दलित, जाति, अभिव्यक्ति, समाज,राजनीति।

  1. गांव के लोग द्धैमासिक पत्रिका (मार्च -अप्रैल 2021 अंक, सुभाषचन्द्र कुशवाहा पर एकाग्र)।
  2. गांव के लोग द्धैमासिक पत्रिका (जनवरी -फरवरी 2021अंक, दलित विशेषांक )।
  3. लाला हर पाल के जूते सुभाष चन्द्र कुशवाहा की कहानी संग्रह
  4. होशियारी खटक रही है , कुशवाहा जी की कहानी संग्रह
  5. बूचड़खाना , कुशवाहा जी की कहानी संग्रह
  6. हाकिम सराय का आखिरी आदमी, कुशवाहा जी की कहानी संग्रह
  7. लाल बत्ती और गुलेल, कुशवाहा जी की कहानी संग्रह

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 6 | November-December 2021
Date of Publication : 2021-12-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 43-49
Manuscript Number : GISRRJ214608
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

रेशमा त्रिपाठी, "डॉ सुभाषचन्द्र कुशवाहा के कथा -साहित्य में दलित-विमर्श", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 4, Issue 6, pp.43-49, November-December.2021
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ214608

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