Manuscript Number : GISRRJ225333
पुस्तकालयों के विकास में अधिनियमों का योगदान
Authors(1) :-शीलू जौहरी शोधसारांश - भारतीय गणतंत्र में विभिन्न प्रान्तों में पुस्तकालय अधिनियमों को लागू कर पुस्तकालय सेवा को जन जन तक बड़ी सुगमता से पहुंचाया जा रहा है । पुस्तकालय ज्ञान का स्तम्भ है, संस्कृति का भण्डार है, जिसका सदुपयोग हमें वैध नियमों के अनुसार ही करना चाहिये । आधुनिक तकनीकि युग में ई.पुस्तकालय के अस्तित्व ने जन मानस के जीवन में ज्ञान की सरिता प्रवाहित कर दी है। आधुनिक परिपेक्ष्य में डिजिटल पुस्तकालय में काॅपी राइट एक्ट अधिनियमित किया गया है, जिसके द्वारा किसी भी लेखक के ई.कण्टेण्ट की मौलिकता को सुरक्षित रखा जाता है । इस प्रकार यह दृष्टिगत है कि पुस्तकालय अधिनियमों के द्वारा पुस्तकालयों के स्वरूप एवं विकास में परिवर्तन एवं गतिशीलता आ रही है, जिससे ज्ञान के आदान प्रदान में मुख्य भूमिका का निर्वहन करने वाली पुस्तकालयी सेवाओं का संव़र्द्धन हो रहा है ।
शीलू जौहरी पुस्तकालय, पुस्तक, राज्य, विश्वविद्यालय, शिक्षा, सामग्री। Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 2 | March-April 2022 Article Preview
विष्णुपुरी, प्रेमनगर, बरेली।
Date of Publication : 2022-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 78-84
Manuscript Number : GISRRJ225333
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ225333