ई स्वास्थ्य सेवाओं से मध्यप्रदेश के विपणन पर सकारात्मक प्रभाव

Authors(2) :-शिवालिका सोहगौरा, डाॅ. एम. यू. सिद्दीकी

मध्यप्रदेश में आधुनिकता के आज के दौर में व्यापार एक महती भूमिका प्रदेश के विकास में अति आवश्यक बन गया है आज के वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कोरोना जैसी महामारी होने के कारण पूरा प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत के अतर्गत प्रदेश के व्यक्तियों में एक स्वरोजगार की धारणा विकसित हो रही है जिसके अन्तर्गत यह विचारधारा सामने आ रही है कि व्यक्ति अन्य प्रदेशों में रोजगार न प्राप्त करके बल्कि प्रदेश में एवं स्वंय के घर पर रहकर व्यापार स्थापित करके प्रदेश् के विकास में अपनी भूमिका निभाकर वृद्धि दर को बढ़ाना एवं उन्न्ति के नये अवसरों का लाभ उठाना होगा। आज जैसे ई-कामर्स और ई-कारोबार गतिविधियों के साथ-साथ ई-स्वास्थ्य सेवाओं का नवीन तकनीक विकसित करके एक स्वास्थ्य के क्षेत्र में विपणनकरने का बड़ा अवसर युवाओं को प्राप्त होगा। भारत में ई-फार्मेसी अभी शुरूआती दौर में है, लेकिन एक वर्तमान रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक यह बढ़कर 42 अरब डाॅलर तक पहुँच जाये का अनुमान है। भारत में स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी तकनीक का बाजार 2025 तक 21.3 अरब डाॅलर तक पहुँच जाएगा और स्वास्थ्य सेवा से जुडे़ तकनीक के वैश्विक बाजार में इसकी हिस्सेदारी 3.2 प्रतिशत होगी भारत में फिलहाल स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी 133 स्टार्टअप कंपनिया मौजूद हैं और लाॅकडाउन के दौरान इनकी माँग मंे अच्छी खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिली।

Authors and Affiliations

शिवालिका सोहगौरा
प्राध्यापक वाणिज्य महाविद्यालय, बैढ़न जिला सिंगरौली (म.प्र.), भारत।
डाॅ. एम. यू. सिद्दीकी

  1. योजना पत्रिका, फरवरी, 2022
  2. कुरूक्षेत्र पत्रिका फरवरी 2022
  3. एस. एन. ला, भारतीय अर्थव्यवस्था

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 4 | July-August 2022
Date of Publication : 2022-08-04
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 24-26
Manuscript Number : GISRRJ22545
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

शिवालिका सोहगौरा, डाॅ. एम. यू. सिद्दीकी , "ई स्वास्थ्य सेवाओं से मध्यप्रदेश के विपणन पर सकारात्मक प्रभाव", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 5, Issue 4, pp.24-26, July-August.2022
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ22545

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