Manuscript Number : GISRRJ225479
बदलते मूल्य और धूमिल की कविता
Authors(1) :-डॉ राकेश चंद्र समकालीन कविता में सुदामा पांडे ‘धूमिल’ राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, विसंगतियों के विरूद्ध रचना करने वाले रचनाकार हैं। इन्होंने समकालीन काव्यान्दोलन को कथ्य और शिल्प के धरातल पर परम्परागत और रूढ़िगत रचना प्रक्रिया का विरोध किया तथा निष्ठा, विवेक और औचित्यपूर्ण काव्य रचना की। यह स्वाभाविक बात है कि परम्परागत विरोध के लिए पूर्ववर्ती पीढ़ी को कुछ स्तरों पर नकारकर, नये-नये आयाम स्थापित करने पड़ते हैं इस पूरी प्रक्रिया में विरोध करने वाले को अन्तर्विरोधों का भी शिकार होना पड़ता है। इस तथ्य को भी नकारा नहीं सकता कि इन अन्तर्विरोधों को ऐतिहासिक पीठिका द्वारा ही मूल्यांकित कर सकते हैं। जैसे धूमिल के ही अनुसार
डॉ राकेश चंद्र Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 5 | September-October 2023 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, जे वी जैन कालेज, सहारनपुर , भारत।
Date of Publication : 2023-10-30
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Page(s) : 32-36
Manuscript Number : GISRRJ225479
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ225479