रघुवीर सहाय की कविता में राजनैतिक यथार्थबोध

Authors(1) :-डाॅ0 भूपेन्द्र सिंह

रघुवीर सहाय की कविताअ¨ं में कथ्य की ऐसी तात्कालिकता, अनुभूति का ऐसा पैनापन अ©र अभिव्यक्ति की ऐसी तनावपूर्ण मुद्रा मिलती है ज¨ उन्हें अन्य सभी नये कविय¨ं से अलग करती है। राजनीतिक सन्दभर्¨ं क¨ जितना काव्य¨पय¨गी रधुवीर सहाय ने बनाया है उतना कम अन्य कविय¨ं ने। राजनीति उनके काव्य में कथन या विवरण के रूप में नहीं आती, वह संवेदना के रूप में उपस्थित ह¨ती है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 भूपेन्द्र सिंह
सहायक प्राचार्य, हिन्दी, अवध बिहारी संस्कृत महाविद्यालय, रहीमपुर, खगड़िया, बिहार, भारत। (कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत, विश्वविद्यालय, दरभंगा, बिहार)

रघुवीर सहाय, कविता, राजनीतिक, अनुभूति, काव्य।

  1. रघुवीर सहाय, प्रतिनिधि कविताएँ, सं0 सुरेश शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 47।
  2. वही, पृ0 47।
  3. वही, पृ0 64-65।
  4. हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास, रामस्वरूप चतुर्वेदी, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, पृ0 237।
  5. प्रतिनिधि कविताएँ, मुक्तिबोध, सं0 अशोक बाजपेयी, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 138।
  6. नयी कविता का समाजशास्त्र, डाॅ0 मनोज कुमार सिंह, तथागत प्रकाशन, सारनाथ, वाराणसी, पृ0 81।
  7. रघुवीर सहाय, प्रतिनिधि कविताएँ, सं0 सुरेश शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 66।
  8. रघुवीर सहाय, डाॅ0 नन्दकिशोर नवल, प्रतिनिधि आधुनिक कवि, सं0 डाॅ0 चन्द्र त्रिखा, हरियाणा साहित्य अकादमी, पंचकूला, पृ0 282।
  9. रघुवीर सहाय, प्रतिनिधि कविताएँ, सं0 सुरेश शर्मा, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 122।
  10. वही, पृ0 59।
  11. नयी कविता का समाजशास्त्र, डाॅ0 मनोज कुमार सिंह, तथागत प्रकाशन, सारनाथ, वाराणसी, पृ0 78।

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 6 | November-December 2022
Date of Publication : 2022-12-20
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 99-103
Manuscript Number : GISRRJ225617
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डाॅ0 भूपेन्द्र सिंह , "रघुवीर सहाय की कविता में राजनैतिक यथार्थबोध", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 5, Issue 6, pp.99-103, November-December.2022
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ225617

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